दिल्ली दर्पण ब्यूरो, नई दिल्ली।
दिल्ली नगर निगम की 12 सीटों पर जल्द चुनाव होने की संभावनाओं ने दिल्ली में सियासी हलचल मचा दी है। चुनाव आयोग ने चुनाव की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं, ऐसे में पूरी संभावना है कि चुनाव नवंबर के अंतिम सप्ताह में हो जाएँगे। बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस तीनों पार्टियां इस चुनाव को बहुत गंभीरता से ले रही हैं। इन 12 वार्डों में 9 वार्ड पर बीजेपी काबिज थी, जबकि 3 पर आम आदमी पार्टी के पार्षद थे। कांग्रेस के पास इनमें से एक भी वार्ड नहीं है। ऐसे में, दिवाली की तैयारियों के साथ कांग्रेस एक धमाकेदार योजना पर विचार कर रही है। दिल्ली कांग्रेस की पूरी तैयारी है कि इनमें से कुछ वार्डों पर जीत हासिल कर यह संदेश दिया जाए कि दिल्ली में कांग्रेस वापस आ रही है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस की नज़र आम आदमी पार्टी वाले वार्डों पर तो है ही, साथ ही बीजेपी के पास रहे कुछ वार्डों पर भी उसकी खास नज़र है। इन वार्डों में कांग्रेस, बीजेपी की तर्ज़ पर बड़े चेहरों को भी चुनाव लड़वा सकती है। बीजेपी ने कई केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव लड़वा दिया, तो कई निगम पार्षदों को सीधे सांसद का चुनाव लड़वा दिया। शालीमार बाग़ की निगम पार्षद रेखा गुप्ता तो सीधे मुख्यमंत्री बना दी गईं। कांग्रेस को भी लग रहा है कि कुछ वार्डों पर वह अपने बड़े चेहरों को लड़वाकर AAP और बीजेपी दोनों को टक्कर दे सकती है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के शीर्ष स्तर पर इस पर मंथन चल रहा है। कांग्रेस अपने बड़े और तेज़-तर्रार नेताओं को पार्षद का चुनाव लड़वाकर एक तरफ जहाँ अपने परंपरागत वोट बैंक को वापस ला सकेगी, साथ ही बीजेपी पर भी सीधे हमला कर सकेगी।

इनमें एक उदाहरण वज़ीरपुर का लिया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, यहाँ से विधानसभा चुनाव लड़ चुके कांग्रेस के तेज़-तर्रार राष्ट्रीय प्रवक्ता रागनी नायक एक ऐसा ही चेहरा हैं। वज़ीरपुर में झुग्गियां तोड़े जाने पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश स्तर के नेता ‘जलवाला बाग’ पहुँचे थे। इसके उलट, यहाँ खुद राहुल गांधी झुग्गी वालों से मिलने पहुँचे थे। राहुल गांधी के इस दौरे की जानकारी किसी को नहीं थी, लेकिन उनके साथ इस दौरे में रागनी नायक मौजूद नज़र आईं। प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव और अन्य नेता राहुल गांधी के इस दौरे से दूर ही रहे।
कांग्रेस ने भी राहुल गांधी के “वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान पर ज़ोर उन ज़िलों में दिया है, जहाँ निगम उपचुनाव होने हैं। ऐसा ही जिला आदर्श नगर ज़िला है। यहाँ देवेंद्र यादव ने इस अभियान की ज़ोर-शोर से शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में दिल्ली की जनता इस बार वोट की चोरी नहीं होने देगी। कांग्रेस ने घर-घर जाकर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का ज़ोर भी उन वार्डों में ज्यादा है जहाँ निगम उपचुनाव होने हैं। अब इन वार्डों में कांग्रेस के बड़े चेहरे और कुशल वक्ता जब जनता के बीच जाएँगे, तो दिल्ली की बीजेपी सरकार के कामकाज की भी पोल खोलेंगे, साथ ही दिल्ली में कांग्रेस की सरकार के कामकाज की भी याद दिलाएँगे। यह भी याद दिलाएँगे कि कांग्रेस ने जेलरवाला बाग में ‘जहाँ झुग्गी वहाँ मकान’ योजना के तहत झुग्गी वालों को फ्लैट देने की योजना की शुरुआत की थी, जबकि दिल्ली की ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार ने इन्हें उजड़ने का काम किया है।
कांग्रेस में चर्चा है कि यदि कांग्रेस निगम उपचुनाव में अपने तेज़-तर्रार और बड़े चेहरों के साथ चुनाव मैदान में आती है, तो ये मुद्दे जनता तक आसानी से पहुँच सकेंगे।
क्या रागनी नायक को कांग्रेस निगम उपचुनाव में अशोक विहार वार्ड से प्रत्याशी बनाने पर विचार कर रही है, इस पर आधिकारिक रूप से तो कोई बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन ज़िला अध्यक्ष सिद्धार्थ यादव ने इस बात से इंकार भी नहीं किया है। सिद्धार्थ यादव ने कहा कि चुनाव लोगों तक अपनी बात पहुँचाने का एक बड़ा मंच और मौक़ा भी होता है। ऐसे में यदि इस छोटे चुनाव में बड़े चेहरों को सामने लाया जाता है, तो इसका फायदा भी होगा।
दिल्ली नगर निगम के संभावित उपचुनाव बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस तीनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। जिन 12 वार्डों में चुनाव होने हैं, उनमें मुंडका, शालीमार बाग, अशोक विहार, चांदनी महल, चांदनी चौक, द्वारका बी, ग्रेटर कैलाश, नारायणा, दिचाऊ कलां, दक्षिण पुरी, संगम विहार और विनोद नगर शामिल हैं। यह उपचुनाव बीजेपी की ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार के कामकाज पर जनमत होगा, वहीं विगत चुनाव हार चुकी आम आदमी पार्टी और उनके मुखिया अरविंद केजरीवाल की साख वापस लाने का भी मौक़ा होगा। दूसरी ओर, कांग्रेस के पास मौक़ा है कि वह इन चुनावों में कुछ वार्डों पर जीत हासिल कर निकट भविष्य में होने वाले निगम चुनाव में खुद को मजबूती के साथ तैयार कर सके। लिहाज़ा, तीनों पार्टियाँ इस चुनाव के लिए कमर कस चुकी हैं।

