नई दिल्ली, 19 नवंबर, 2015: दिल्ली में एक नया बिजली कनेक्शन प्राप्त करना अब ज्यादा मुश्किल नहीं रहा । अब विश्व बैंक डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में बिजली पाना और भी आसान होगा। यह बात स्वयं विश्व बैंक के द्वारा स्वीकार की गई है। वास्तव में, दिल्ली में बिजली के कारण व्यापार में होने वाली सुविधा में बढ़ोतरी हुई है। अब भारत कारोबार करने की सुगमता सूचि में 142 के स्थान पर 130 पायदान पर आ गया है। मतलब सीधा 12 डिग्री की कूद बनाने में सबसे बड़ा योगदान बिजली का रहा है।
टीपीडीडीएल की कामयाबी , दिल्ली में बिजली पाना आसान
विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है की नए बिजली कनेक्शन प्राप्त करना और भी आसान व सुगम हो जायेगा। इसके टीपीडीडीएल तेज़ी से काम कर रही है व इस ओर ध्यान भी दे रही है। इसके चलते दिल्ली के विद्युत निरीक्षक समूह द्वारा आंतरिक वायरिंग इंस्पेक्शन की अनिवार्यता हटा दी गई है। अब सिर्फ एक बार निरक्षण किया जायेगा पर पहले ये निरिक्षण दो बार किया जाता था।इसके साथ भी यूटिलिटी एक्सटर्नल कनेक्शन कार्य फाइनल स्विचिंग की भी एक प्रकिया जोड़ी गई है।
विश्व बैंक की एक रिपोर्ट “डूइंग बिज़नेस 2016” में 189 अर्थव्यवस्थाओं छोटे और मध्यम आकार के व्यापारों की तुलना करती है जिसमें 10 संकेतक का उल्लेख करती है इसमें भी लिए बिजली सबसे अहम ज़रूरत है।इसने भारत की रैंकिंग को को बेहतर बनाया है।बिजली मिलने में भारत की रैंकिंग 2015 में 137 से 67 अंक बढ़कर 2016 में 70 तक पहुँच गई है। बिजली मिलने के अतिरिक्त भारत में सिर्फ दो संकेतों में सुधार हुआ है जिसमें कारोबार की शुरुआत एवं निर्माण अनुमति मिलना है लेकिन इन संकेतों में सुधार क्रमश: 9 और 1 अंक का ही है।
भारत में कारोबार को बेहतर बनाने में यूटिलिटी कंपनी की अहम भूमिका के बारे में मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक, टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन टीपीडीडीएल श्री प्रवीर सिन्हा ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा की अपने ग्राहक को सेवाऐं , गुणवत्ता और विद्युत आपूर्ति प्रदान करने में टीपीडीडीएल विश्वसनीय है। जिस कारण इसका विदेशों एक प्रतिष्ठित नाम है। हम तकनीकी इनोवेन्शन करने में सबसे आगे रहे है। विद्युत मंत्रालय और सरकार व नियामक अधिकारियों के साथ मिलकर हमारी कोशिशों ने कारोबारियों के कारोबार को सुगम और आसान बनाया है और अब वर्ल्ड बैंक से सम्मान मिलना हमारी कामयाबी का प्रमाण पात्र है , और अब हमारा प्रयास रहेगा की हम आगे भी नई तकनीक द्वारा अपने काम को इसी तरह आगे बढ़ाते रहे जिससे भारत उन्नतों उन्नत तरक्की करता रहे।