संसाधन कभी शौक के आड़े नहीं आते –पेशे से टीचर अशोक विहार निवासी ममता शर्मा इसका एक बड़ा उदहारण है –ममता जी को बागवानी का शौक हुआ तो उन्होंने अपने घर की छत पर ही सब्जियां उगानी शुरू कर दी –ममता जी हर सीजन में अपने हाथ से उगाए हुयी सब्जियां ही इस्तेमाल नहीं करती बल्कि उन्हें अपने नियर और डीयर को गिफ्ट भी करती है –