-अभिजीत ठाकुर
दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है जो उत्तर पश्चिमी दिल्ली में पूर्व निगम पार्षद के बेटे के अपहरण की वारदात में शामिल थे। गौरतलब है की दिल्ली के नेताजी सुभाष प्लेस थाना इलाके से 27 सितम्बर के दिन पूर्व निगम पार्षद के 19 साल के बेटे को उस वक्त अपहृत कर लिया था जब वह अपनी बीएमडब्लू कार में घर लौट रहा था। अपहर्ता सफ़ेद रंग की स्कोर्पियो गाड़ी सवार थे और सबने पुलिस की वर्दी भी पहन रखी थी। बदमाशों ने पहले युवक की गाड़ी को ओवरटेक किया और बाद में बन्दूक की नोक पर अपने साथ किसी अनजान जगह पर ले गए। बाद में परिवार के पास फिरौती के नाम पर मोटी रकम की मांग की गई जिसके बाद पूर्व निगम पार्षद ने नेताजी सुभाष प्लेस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
क्राइम ब्रांच से लेकर दिल्ली पुलिस की कई विशेष टीमें मामले की तफ्तीश में लगी रही पुलिस ने कई जगह दबिश भी दी , लेकिन लड़का पिछले हफ्ते खुद घर लौट आया था। सूत्रों के मुताबिक एक करोड़ की फिरौती के बाद अपहरणकर्ताओं ने पूर्व निगम पार्षद के लड़के को छोड़ दिया था। हालाँकि पूरे मामले में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी।
लड़के के घर लौटने के बाद पुलिस ने तफ्तीश को तेज़ किया और पुलिस के आला अधिकारी के मुताबिक जॉइंट सीपी रविन्द्र यादव और डीसीपी भीष्म सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने अपराधियों के कई संभावित ठिकानों पर छापे मारे और तीन अपहरणकर्ताओं को धर दबोचा। इनके पास से पुलिस ने युवक से छीनी गई बीएमडब्लू कार , वारदात में इस्तेमाल पुलिस वर्दियाँ और कई मोबाइल फ़ोन भी बरामद किये हैं।
सूत्रों की माने तो अपहरण के बाद पूर्व निगम पार्षद से पचास करोड़ की फिरौती माँगी गई थी जिसको कम कर पच्चीस करोड़ तक लाया गया और लड़के को अपहरणकर्तोओं के चंगुल से मुक्त कराया गया था। लड़के के लौटने के बाद पुलिस अधिकारियों की भी खूब किरकिरी हुई थी जिसके बाद यह मामला पुलिस के लिये नाक का सवाल बन गया था। अब पुलिस ने अपहरण में शामिल गैंग का पर्दाफाश कर दिया है। पूरे मामले में पूर्व निगम पार्षद का परिवार अब तक चुप्पी साधे रहा है।