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बीजेपी हाय-हाय के नारे लगाते ये लोग किराड़ी के प्रताप विहार वार्ड के निवासी हैं। बीजेपी से इनकी नाराज़गी इसलिए है क्योंकि इनके नेता महेश पाठक, जो दिल-ओ-जान से इनकी सेवा के लिए अग्रसर रहे हैं, उन्हें बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है। कहते हैं कि मेहनत का फल मीठा होता है, पर अपनी ही पार्टी से इतनी कड़वाहट की उम्मीद इन्होंने शायद सपने में भी नहीं की थी। महेश पाठक उत्तराखंड से ताल्लुक रखते हैं और हमेशा निःस्वार्थ भाव से विधायक और निगम पार्षद के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर काम करते रहे है उसके बावजूद भी पार्टी ने इन्हें टिकट नहीं दिया। इन्होने अपने लिए कुछ नहीं माँगा, बस माँगा था तो एक मौका जिससे ये जनता की ज्यादा से ज्यादा सेवा कर सकें। वैसे भी उत्तराखंड बहुल इलाका होने के नाते प्रताप विहार के लोग इस कर्मठ और समर्पित नेता को जानते भी हैं और मानते भी हैं। किराडी विधानसभा के प्रधान और बाहरी दिल्ली उत्तराखंड के प्रकोष्ठ अध्यक्ष महेश पाठक पिछले 30 सालों से निरंतर भाजपा से जुड़े रहे, और हमेशा जनकल्याण के लिए अग्रसर रहे हैं। महेश पाठक से ज्यादा उनके साथी और आम लोग बीजेपी की चुनाव वितरण प्रणाली से नाखुश हैं। किराड़ी का प्रताप विहार इलाका ही ऐसा नहीं है। जहाँ बीजेपी ने ऐसा किया है बल्कि इन एमसीडी चुनावों में समूची दिल्ली में बीजेपी ने उत्तराखंड को दरकिनार कर दिया है। वैसे तो पार्टियाँ समाज सेवा और जनकल्याण की बात करती हैं। पर जब महेश पाठक जैसे लोग सेवा को अपना धर्म समझकर हमेशा इसे निभाते हैं, तो पार्टी इनके साथ ऐसा बर्ताव करती है। ये नाइंसाफी नहीं तो और क्या है। बीजेपी ने भी इन्साफ नहीं किया है।