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कभी डेवलपमेंट चार्जेज के नाम पर, तो कभी एक्टिविटी फीस के नाम पर। प्राइवेट स्कूल और मनमानी फीस , ये मुद्दा एक बार नहीं बल्कि सैंकड़ों बार उठ चूका है। लेकिन हैरानी की बात है की न तो सरकारें ही इस मामले में कुछ कर पाई और न ही प्राइवेट स्कूल ही अपने अड़ियल रवैये से बाज आते हैं। ये सैंकड़ों की भीड़ इकठ्ठा हुई है नॉर्थ दिल्ली के शक्ति नगर स्थित लीलावती विद्या मंदिर स्कूल पर। इनमें से ज्यादातर लोगों के बच्चे इसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं , बावजूद इसके ये स्कूल प्रसाशन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। कारण एक ही है , प्राइवेट स्कूल की मनमानी और फीस में बढ़ोतरी। लीलावती विद्या मंदिर की छवि एक अच्छे स्कूल की है लेकिन स्कूल के सामने ये बड़ा विरोध प्रदर्शन एक अच्छे शैक्षणिक संसथान की छवि तो धूमिल करता ही है , साथ ही इस ओर भी इशारा करता है की ये स्कूल भी बाकी प्राइवेट स्कूलों की तरह ही शिक्षा को कम और व्यवसाय को ज्यादा तरजीह दे रहा है। अब इन पैरेंट्स ने ही ठान लिया है की ये फीस में मनमानी बढ़ोतरी के खिलाफ सड़क से अदालत तक की लड़ाई लड़ेंगे , लेकिन स्कूल प्रसाशन की मनमानी नहीं चलने देंगे। वहीँ स्कूल प्रसाशन इस बात पर जवाब देने को तैयार नहीं है। पैरेंट्स की माँग ये भी है की अगर स्कूल फीस बढ़ाता है तो उसे पूरा ब्यौरा भी देना चाहिये , साथ ही इनकी ये मांग भी है की स्कूल को सीमित प्रतिशत की बढ़ोतरी ही करनी चाहिए। ऐसे में देखने वाली बात होगी की लीलावती विद्या मंदिर स्कूल प्रसाशन का इस मामले में क्या रुख रहता है।