[bs-embed url=”https://youtu.be/5rVizbTqLzs”]https://youtu.be/5rVizbTqLzs[/bs-embed]
एनसीईआरटी बनाम प्राइवेट पब्लिशर्स का मुद्दा अब और अधिक गंभीर मुद्दा बन गया है। जहां एक ओर स्कूलों में एनसीईआरटी किताबों को कम्पलसरी करने की बात की गई, वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट पब्लिशर्स की एक जुटता और मेहनत ने सरकार द्वारा लागू किए गए कम्पलसरी शब्द को हटवा दिया। लेकिन अब भी स्कूल और टीचर्स की परेशानी यही है कि आखिर किसकी किताबें लगाई जाएं ? बहरहाल प्राइवेट बुक पब्लिशर्स एसोसिएशन ने एकजुट होकर कसम खाई और वादा किया कि किसी भी स्कूल या संस्था को किसी प्रकार से भयभीत होने कि जरूरत नहीं है प्राइवेट बुक पब्लिशर्स एसोसिएशन, सरकार की मनमानी और एनसीईआरटी की किताबें कम्पलसरी करने वाले डिसीजन के खिलाफ उनके साथ खड़ा है ,साथ ही प्राइवेट बुक पब्लिशर्स एसोसिएशन के मैंबर्स ने पैरेंट्स से अपील की है कि वे उन्हीं किताबों को चुनें जो उनके बच्चे के लिए बेहतर है।