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गाजियाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा पर शिकंजा कसता हुआ दिखाई दे रहा है। अमरपाल के पीएसओ नरेंद्र फौजी को बीजेपी नेता गजेंद्र भाटी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है। दरअसल 2 सितंबर को गाजियाबाद के खोड़ा इलाके में तो बीजेपी नेताओं पर हमला किया गया था, जिसमें गजेंद्र भाटी की मौत हो गई थी, जबकि बलबीर चौहान को अस्पताल में एडमिट कराया गया था बताया जा रहा था कि अमरपाल शर्मा ने राजनीतिक रंजिश के चलते यह हमला करवाया था। वहीं इस मामले में सीसीटीवी फूटेज से भी सामने आया है जिसमें दो शार्प शूटर दिखाई दे रहा था। नरेंद्र फौजी पर आरोप है कि उसने दिसंबर 2014 में समाजवादी पार्टी के पार्षद प्रदीप चौधरी की भी हत्या कर दी थी। उस समय भी अमरपाल शर्मा का नाम इस मामले में सामने आया था , लेकिन सबूत नहीं मिल पाया था। लेकिन एक बार फिर आप अमरपाल शर्मा का नाम सामने आया है। हालांकि गजेंद्र भाटी के मामले में अमरपाल शर्मा पर धारा 302, 307 और 120 बी के तहत मामला भी दर्पज कर लिया गया था । इसी बीच नरेंद्र फौजी की गिरफ्तारी ने साफ कर दिया है कि अमरपाल शर्मा इस मामले में पाक साफ नहीं है। पुलिस किसी भी समय अमरपाल शर्मा को गिरफ्तार कर सकती है। पुलिस के मुताबिक नरेंद्र फौजी ने कबूल किया है की अमरपाल शर्मा की गजेन्द्र भाटी से बहस हुई थी, उसके बाद ये प्लान बनाया गया था। इस पूरे मामले में दस लाख की सुपारी का लेन देन हुआ था, वहीं हत्या में इस्तेमाल हुए पिस्टल भी बरामद कर ली गयी है। वहीं इस मामले में अमरपाल शर्मा पर मृतक गजेंदर भाटी के भाई योगेन्द्र भाटी ने भी आरोप लगाया था की पहले से अमरपाल शर्मा का विवाद चल रहा था। राजनीतिक कारण इसके पीछे थे। क्योंकि खोड़ा नगरपालिका से अमरपाल की पत्नी चुनाव लडती है। ऐसे में अमरपाल को ये बात रास नहीं आ रही थी की गजेंदर भाटी इस बार बीजेपी से प्रमुख दावेदार हो सकता था और बीजेपी के जीत के चांस भी ज्यादा थे।