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IMLTF यानी इंडियन मेडिकल लेबोरेटरी टैक्नॉलाजिस्ट फेडरेशन के मैंबर्स का कहना है कि पिछले लगभग 2 सालों से इनकी मांगे सरकार के पास लंबित पड़ी हुई हैं ,जिसको लेकर इन्होने दिल्ली सरकार को चेतावनी देते हुए दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल से लेकर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज तक शांति पूर्वक विरोध प्रदर्शन किया और साथ ही मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डीन को एक ज्ञापन भी सौंपा। वहीं प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे फेडरेशन के मैंबर्स ने केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा उनका कहना है कि कोर्ट की मंजूरी के बाद भी दिल्ली सरकार उनके केडर रिव्यू और 7वें वेतन आयोग को लागू करने में ढ़िलाई बरत रही है। मैंबर्स ने केजरीवाल सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 5 तारीख तक सरकार इनकी मांगो को नहीं मानेगी तो 6 सितंबर को ये सभी लोग पेन डाउनस्ट्राइक पर चले जाएगें। इससे दिल्ली सरकार के सभी 38 अस्पताल, दो मेडिकल काँलेज, 212 डिस्पेंसरी और करीब 150 मोहल्ला क्लिनिकों पर डेंगू,मेलेरिया, चिकनगुनिया, एक्सरे जैसी कई महत्वपूर्ण जाँच प्रभावित हो सकती हैं। हालाकि फेडरेशन के प्रेसिडेंट ने बताया कि स्ट्राइक के दौरान भी इमरजैंसी खुली रहेगी क्योंकि मरीजों की चिंता उन्हें भी है। डेंगू-चिकनगुनिया के इस सीजन में लगभग 5000 टेस्ट करने वाले लैबोरेटरीअसिस्टेंट अगर हड़ताल पर चले जाएंगे तो दिल्ली में मरीजों के फ्री इलाज जैसे केजरीवाल सरकार के तमाम दावों पर पलीता भी लग सकता है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर इन सभी बातों से रू-ब-रू होते हुए भी आखिर क्यों केजरीवाल सरकार इन लेबोरेट्री मैंबर्स की बात अनसुनी कर रही है। क्या सरकार को मरीजों की चिंता नहीं या फिर इन लेबोरेट्री असिंसटेंट की अमियत को सरकार समझती नहीं ये एक बड़ा सवाल है।