[bs-embed url=”https://youtu.be/osJO-0Kh6N8″]https://youtu.be/osJO-0Kh6N8[/bs-embed]
पिछले कुछ चुनावों के नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी बहुत संभल कर चल रही है शायद यही वजह है की अभी नवम्बर में होने जा रहे हिमाचल चुनाव से जहाँ पार्टी दूरी बना रही है वहीँ गुजरात में भी केवल 50 ही सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है। इसके लिए पार्टी ने गुजरात में चुनाव कमेटी का गठन कर दिया है और आगामी 17 नवम्बर को बड़े रोड शो के साथ चुनाव प्रचार की शुरुआत करेगी। साथ ही गोपाल राय का कहना है की गुजरात में पार्टी ने कुछ क्राइटेरिया तय किये है जिनके अनुसार वो मजबूत सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी। पार्टी का ये फैसला साफ़ संकेत देता है कि आम आदमी पार्टी अब जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है। दिल्ली में सत्ता आते ही उसने लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतार दिए थे लेकिन कामयाबी नहीं मिली। पंजाब और गोवा के चुनाव में भी उसे निराशा ही हाथ लगी। दिल्ली नगर निगम चुनाव में भी हाल यही रहा। लिहाज़ा अब वो गुजरात में मजबूत सीटों पर चुनाव लड़कर एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाना चाहती है। गुजरात में हुए इस फैसले से तो यही लगता है कि आम आदमी पार्टी अपनी शक्ति और क्षमता बचाकर रखना चाहती है।