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दिल्ली-अंशुल त्यागी
दिल्ली के लॉरेंस रोड पर धू-धू कर जलते ट्रक किसी हादसे का शिकार नहीं हुए बल्कि ये बड़ी लापरवाही और भ्र्ष्टाचार का नतीजा है गनीमत थी की इन ट्रकों में गहरी नींद में सो रहे ड्राइवर और कर्मचरियों को किसी ने जगा दिया वरना हादसा में इनकी जान भी जा सकती थी। ट्रकों में लगी आग जितनी डरावनी है आग लगाने की वजह उतनी ही हैरान करने वाली है। दरअसल ये ट्रक जहाँ खड़े है वहां बड़ी तादाद में फैक्ट्रियों से निकलने वाला और सडकों का कूड़ा डाला जाता है, जिसमें आग लगा दी जाती है कूड़े में लगी इसी आग ने इन ट्रकों को अपनी चपेट में ले लिया। इनमें तीन ट्रक पूरी तरह जलकर ख़ाक हो गए। दिल्ली नगर निगम का पार्क में कूड़े का ढेर पड़ा रहता है जहाँ कभी पेड़ पौधे थे और गुलाब के फूल खिला करते थे। अब आये दिन आग की लपटें दिखाई देती है। सब जगह का कूड़ा लाकर इस पार्क में डाला जाता है और फिर आग लगा दी जाती है। दिल्ली में पर्यावरण और स्वच्छता की चिंता करने वाली सरकार और प्रशासन को ये घटना मुंह चिढ़ा रही है। यहाँ के कारोबारी दिल्ली नगर निगम से लेकर एनजीटी और स्वच्छ भारत मिशन की वेबसाइट पर शिकायतें डाल चुकें है लेकिन अभी तक उसका कोइ असर नहीं है। लॉरेंस रोड इलाके के इस पार्क की ये हालत और जलते कूड़े के ढेर केवल पर्यावरण के लिए ही भारी ख़तरा नहीं है बल्कि लोगों की सुरक्षा और सुविधा से जुड़ा गंभीर मलाला भी है। यहाँ पास ही एसडीएम ऑफिस है , सिविल लाइन ज़ोन डिप्टी कमिश्नर का ऑफिस भी है बावजूद इसके प्रशासन को दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों लापरवाही दिखाई क्यों नहीं देते ये एक बड़ा सवाल है।