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वज़ीरपुर -अंशुल त्यागी
अशोक विहार जैसे पॉश इलाके में स्थित इस पार्क को कोई गाय भैंस का तबेला कहता है तो कोइ इसे किसी कबाड़ी का कबाड़ खाना बताता है। कागज़ों में भले ही यह एक पार्क लगता हो लेकिन यहाँ ऐसा कुछ नजर नहीं आता जिसे देखकर इसको पार्क कहा जाए। यहाँ सैकड़ों गायें मौजूद है, जिनका दूध निकाल कर अशोक विहार में गन्दगी फ़ैलाने के लिए छोड़ दिया जाता है। पूरे पार्क में बिल्डिंग से निकले मलबे के ढेर पड़े है ,पूरे पार्क में अवैध कब्जा है। इसकी इस हालत को देखकर जब गावं के आरडब्लूए प्रधान ने प्रशासन , एनजीटी और मीडिया से की तो उसे धमकियाँ मिल रही है इसकी शिकायत भी थाने में दर्ज़ कराई गई है।वज़ीर पुर गावं में बड़े पैमाने पर ऐसी फैक्ट्रियां है जो स्थानीय लोगों के लिए समस्या बनी हुई है। इन फैक्ट्रियों से निकला तेज़ाबी पानी जमीन के पानी को भी दोषित कर रहा है। यही तेज़ाबी पानी यहाँ रहने वाले लोगों के नालों में आ रहा है। सब जगह इनकी शिकायत कर चुकें है लेकिन कहीं कोई असर नहीं ये हाल अशोक विहार जैसे पॉश इलाके के बीच बसे गांव का है। मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को यह इलाका मुँह चिड़ा रहा है। यहाँ से पार्षद और संसद बीजेपी के है तो विधायक आम आदमी पार्टी का है। अब से ,लिहाज़ का लीजिये यह दबंदों का डर इनकी शिकायते तो खूब होते है लेकिन कोइ सामने खुलकर नहीं आता। जो भी शिकायत करता है उसे ऐसे ही धमकियाँ मिलती है लेकिन अब वज़ीर पुर गावं की RWA के सब्र का बांध भी टूट चुका है और इसकी शिकायत एलजी से लेकर एनजीटी तक सबकों कर दी है, इस उम्मीद से की अब तो कोई वज़ीरपुर गावं सुध ले ले।