दिल्ली- पिछले हफ्ते जी. बी. रोड से छुड़ाई गईं 17 लड़कियों में से 13 को पुलिस के वापस भेजने के मामले में दिल्ली महिला आयोग ने क्राइम ब्रांच को नोटिस भेजा है। हालांकि, आयोग के दवाब के बाद मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने इन 13 लड़कियों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। आयोग की चीफ स्वाति जय हिंद ने क्राइम ब्रांच के जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस को नोटिस भेजते हुए पूछा है कि लड़कियों को जी. बी. रोड वापस भेजने के लिए कौन अफसर जिम्मेदार है और उस पर क्या ऐक्शन लिया जाएगा। बाल कल्याण समिति, एनजीओ रेस्क्यू फाउंडेशन ने क्राइम ब्रांच की मदद से 24 नवंबर को जी. बी. रोड से 17 लड़कियों को छुड़ाया, मगर पुलिस ने 13 लड़कियों समिति और आयोग के विरोध के बावजूद उसी रात वापस जी. बी. रोड भेज दिया। बताया गया कि उन्हें वापस इसलिए भेजा जा रहा है, क्योंकि आधार कार्ड में उनकी जन्मतिथि के अनुसार वे बालिग हैं। समिति की प्रेजिडेंट ने इसका विरोध किया क्योंकि वो देखने में नाबालिग लग रही थीं और उनके आधार कार्ड भी जाली लग रहे थे। ज्यादातर लड़कियां नेपाल से थीं। उन्होंने पुलिस को सभी 17 लड़कियों की उम्र की जांच करवाने और उनकी उम्र प्रमाणित होने तक उनको निर्मल छाया शेल्टरहोम में रखने को कहा था। स्वाति जय हिंद ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया मगर पुलिस नहीं मानी। इस पर स्वाति ने कहा कि पुलिस की भूमिका इस मामले में काफी संदिग्ध है। आयोग का कहना है कि बाद में पुलिस ने यह सफाई दी कि वो लड़कियां वापस जी. बी. रोड इसलिए भेजी गईं, क्योंकि वो वहां जाना चाहती थीं। संस्थाओं के दवाब के बाद मंगलवार को पुलिस ने इन 13 लड़कियों को बाल कल्याण समिति के सामने लेकर आईं। आयोग का कहना है कि अब यह बहुत जरूरी है कि इन लड़कियों की सही उम्र का पता लगाया जाए ताकि यह सेफ रहें।
पुलिस ने 13 लड़कियों को वापिस भेजा जीबी रोड़
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