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दिल्ली-राकेश चावला
मोदीजी, क्या यही अच्छे दिन आने वाले थे। क्या यही सपनों का भारत है। मैंने 35 साल पोस्टमैन के तौर पर देश सेवा की। गर्मी-सर्दी-बरसात की कभी परवाह नहीं की, लेकिन बदले में मुझे क्या मिला। मेरी जीवन भर की कमाई लुट गई। बेटी की शादी के लिए 25 सालों से सहेजे गहने चोरी हो गए, लेकिन दिल्ली पुलिस एफआईआर तक दर्ज करने को तैयार नहीं है। ये लफ्ज रिटायर्ड पोस्टमैन सुरेंद्र कुमार के हैं जिसके घर झील खुरंजा इलाके से 9 अगस्त को करीब 7 लाख की चोरी हो गई थी लेकिन पिछले 3 महीने से अब तक इस पोस्टमैन की सुनने वाला कोई नहीं है। पोस्टमैन के मुताबिक उसने गीता कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की जिसके उसने पीएम मोदी और राजनाथ सिंह को खत लिखा और अपनी व्यथा बताई। जिसके बाद गृह मंत्रालय के आदेश पर गीता कॉलोनी पुलिस ने लगभग तीन महीने बाद पोस्टमैन की एफआईआर दर्ज की। एफआईआर में दिलचस्प बात ये है कि उन्होनें शिकायत में जो तंज कसे पुलिस ने उन्हें भी अपनी एफआईआर में उतार लिया। सुरेंद्र के घर से करीब 20 तोला गोल्ड, अंगुठी, कड़े, मंगलसूत्र, लॉकेट, गोल्ड सेट आदि चोरी किया गया लेकिन अभी तक भी पुलिस इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है देखने वाली बात ये है कि क्या अब इस बूड़े पोस्टमैन की आखों में चमक देखने को मिलेगी। क्या पुलिस इसका चोरी हुआ सामान या अपराधियों को पकड़ पाएगी ये एक बड़ा सवाल है।