PadMan Movie Review : अक्षय कुमार, राधिका आप्टे और सोनम कपूर जैसे सितारों से सजी फिल्म ‘पैडमैन’ 9 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। आर. बाल्कि निर्देशित यह फिल्म लोगों में माहवारी और इसके दौरान साफ-सफाई की महत्ता को लेकर जागरुकता फैलाती है। फिल्म अरुणाचलम मुरुगदासन नामक एक शख्स की वास्तविक कहानी से प्रेरित है जिसने अपनी पत्नी की माहवारी से जुड़ी समस्याओं को देखते हुए देश की प्रत्येक महिला की जिंदगी को आसान बनाने का लक्ष्य लिया।
फिल्म की कहानी की बात करें तो लक्ष्मीकांत चौहान (अक्षय कुमार) अपनी पत्नी गायत्री (राधिका आप्टे) से बेहद प्यार करते हैं लेकिन जब उन्हें यह पता चलता है कि माहवारी के दौरान उनकी पत्नी गंदे कपड़ों का इस्तेमाल करती है और उन्हें इस दौरान घर में रहने तक की इजाजत नहीं होती है तो वह हिल जाते हैं। इधर डॉक्टर से उन्हें यह भी पता चलता है कि यदि महिलाएं माहवारी के दौरान इस तरह के गंदे कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं तो यह जानलेवा हो सकता है।
लक्ष्मीकांत इसके बाद अपनी पत्नी और सभी महिलाओं की जिंदगी की इस मुश्किल को आसान बनाने के मिशन में जुट जाता है। इस बीच उसे अपनी पत्नी, बहन और मां द्वारा धिक्कारा जाता है और गांव वाले उससे कटना शुरू कर देते हैं। वह लगातार जलील होता है लेकिन महिलाओं की जिंदगी को आसान बनाने और सस्ते सैनिटरी पैड बनाने की उसकी धुन जारी रहती है। लोगों की सोच बदलने का उसका मिशन जारी रहता है और इसमें उसका साथ देती हैं दिल्ली की एक एमबीए स्टूडेंट परी (सोनम कपूर)। दोनों मिल कर कैसे इस सोच को अंजाम देते हैं और इस बीच उन्हें किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है यही फिल्म की कहानी है।
निर्देशक आर. बाल्कि ने महिलाओं के मुश्किल दिनों वाले मुद्दे पर हर आयाम को कवर करने की पूरी कोशिश की है। फिल्म की कहानी कसी हुई है और हर किरदार ने अपना काम बखूबी किया है। फिल्म बोझिल और बोरिंग नहीं लगे इसलिए बीच-बीच में जोक्स और हंसी मजाक वाले डायलॉग्स का भी खूब इस्तेमाल किया गया है। यह एक ड्रामा बायोग्राफी मूवी है लेकिन इसे फिक्शन के साथ जोड़ कर इस तरह बुना गया है ताकि यह आपको सिखाने के साथ-साथ मनोरंजन भी कर सके।
फिल्म को भारत में 2750 स्क्रीन्स पर और विदेशों में कुल 600 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया है।
यानी कुल 3350 स्क्रीन्स पर फिल्म को रिलीज किया गया है ।