दिल्ली – एक ओर हमारा देश भारत विश्व गुरु और एक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है लेकिन दूसरी ओर देश की राजधानी में शिक्षकों के ऐसे हालात ये समझने के लिये काफी हैं की देश कितना भी महान क्यों ना हो लेकिन जब शिक्षकों को स्कूल छोड़ सड़कों पर आने पड़े तो ऐसे में देश को महान कैसे समझा जाएगा । दिल्ली में एमसीडी के शिक्षकों का पिछले 4 महीने से वेतन न मिलने से कुछ ऐसा ही हाल है। शिक्षक अपने बकाया वेतन को लेकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए है हजारों की संख्या में दिख रहे ये शिक्षक अपने वेतन की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं क्योंकि इन्हे चिंता है अपने परिवार की कि आखिर इतने समय से वेतन न मिलने पर ये खाना खा भी पाएंगे.. कुछ शिक्षक अपने घर की ईएमआइ भरने के लिये परेशान हैं तो कुच के ऊपर डिफॉल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में सिविक सैंटर पर पंहुच कर इन लोगों ने सरकार से इनकी दयनीय हालत में सुधार लाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।शिक्षकों की मांग है की तुरंत प्रभाव से शिक्षकों के वेतन ,एरियर्स और फंडस् के नियमित भुगतान की व्यवास्था की जाए और यदि उनकी ये मांग पूरी नहीं होती तो वो सिविस सेंटर का घेराव भी कर सकते हैं यहां तक की शिक्षकों ने मांगे न माने जाने पर रोड़ जाम और उग्र प्रदर्शन की चेतावनी भी सरकार को दी है। बहरहाल ये शिक्षक कितने मजबूर हैं इसका अंदाजा इनकी हालत को देखकर लगाया जा सकता है लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्यों एमसीडी इनकी ओर ध्यान नहीं दे रही है क्या सरकार जब जागेगी जब स्कूलों पर ताला लग जाएगा । क्या सरकार के लिए शिक्षकों का कोई मुल्य नहीं.. या पिर ये मान लिया जाए कि वाकई राजनीति अब शिक्षा व्यवस्था पर भी हावी हो गई है…