दिल्ली – नार्थ एमसीडी के लिए मुश्किलें खत्म लेने का नाम ही नहीं ले रही हैं। नार्थ एमसीडी में कमिश्नर मधुप व्यास के मुताबिक एमसीडी अपने पांच अस्पताल और एक मेडिकल कॉलेज केंद्र सरकार को सोप सकती हैं। नार्थ एमसीडी आर्थिक तंगी के वजह से अस्पताल और मेडिकल कॉलेज केंद्र को सोपना चाहती हैं। क्योकि निगम के बटवारे के बाद नार्थ एमसीडी पर 60 % जिम्मेदारी हैल्थ सेक्टर की आ गयी थी। जिस्से अस्पताल मे काम कर रहे कर्मचारी की सैलरी पर डबल खर्च आ रहा हैं। मधुप व्यास के मुताबिक अस्पताल के स्टाफ पर होने वाले खर्चे साल दर साल भड़ते जा रहे हैं। वही 2016-17 में नॉर्थ एमसीडी ने अस्पताल के कर्मचारी पर करीब 42493 लाख रुपये खर्च हुए जो साल 2015-16 के मुकाबले 3362 लाख ज्यादा है। फिल हाल अभी कोई फैसला नहीं किया गया हैं। पुरे मामले की जांच करने और सोच समझ कर ही कोई फैसला लिया जायेगा। वही दूसरी और स्थायी समिति अध्यक्ष तिलक राज कटारिया ने इस प्रस्ताव को अगली बैठक तक के लिए सुरक्षित रख लिया हैं। कमिश्नर मधुप व्यास मुताबिक करीब 1000 बेड वाले हिंदूराव अस्पताल, 1155 बेड वाले राजनबाबू टीबी अस्पताल, 450 बेड वाले कस्तूरबा अस्पताल, 97 बेड वाले गिरधारी लाल अस्पताल और 274 बेड वाले एमवीआईडी अस्पताल के अलावा बालकराम अस्पताल को केंद्र सरकार को सौंप देना चाहिए। इससे नार्थ एमसीडी को बेहद राहत मिलेगी जिस्का पूरा फायदा सभी कर्मचारी को भी मिलेंगें। इससे उन्हें वक्त पर सैलरी भी मिलेगी और सारी दिक्कते अपने आप ही सोल्वे हो जाएगी।