धर्म- चैत्र नवरात्र रविवार 18 मार्च से शुरू हो रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार ही चैत्र नवरात्र से ही नए साल की शुरूआत होती है। साल में चार नवरात्रि होते हैं जिनमें से दो गुप्त नवरात्र होते है। चैत्र और आश्विन नवरात्र को हिंदू धर्म में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार अष्टमी और नवमी एक ही दिन 25 मार्च को होगी। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का ज्यादा महत्व होता है। माना जाता है इस महीने से शुभता और ऊर्जा का आरंभ होता है नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है। मां शैलपुत्री मानव मन पर अपनी सत्ता रखती हैं। चंद्रमा पर भी उनका आधिप्तय माना जाता है। मां शैलपुत्री पार्वती का ही रूप हैं। पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लेने के कारण मां को शैलपुत्री कहा गया। मां की आराधना से मनोविकार दूर होते हैं। मान्यता है कि मां पार्वती, भगवान शिव से विवाह के पश्चात हर साल नौ दिन अपने मायके यानी पृथ्वी पर आती थीं। नवरात्र के पहले दिन पर्वतराज अपनी पुत्री का स्वागत कर उनकी पूजा करते थे। इसलिए नवरात्र के पहले दिन मां के शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री का इनका वाहन वृषभ है। इसलिए मां वृषारूढ़ा नाम से भी जानी जाती हैं। मां की आराधना से सुख, संपत्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मां को सफेद पुष्प अर्पित करें एवं पीले रंग के वस्त्रों को धारण करें। मां शैलपुत्री की आराधना से आरोग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।