अशोक विहार -दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल में शुमार अशोक विहार के सुंदर लाल जैन अस्पताल के ज्यादातर वार्ड में ताले लगे है ।चाहे वह आईसीयू हो या जर्नल वार्ड ।हर दरवाजे पर ताला लगा है मरीजों से खाली हो चुका है और अस्पताल में पिछले 25 से 30 साल से काम कर रहे कर्मचारी पिछले कई महीनो से वेतन नहीं मिलाने से हड़ताल पर है अस्पताल में काम कर रहे करीब 400 कर्मचारियों का कहना है की अस्पताल संचालकों ने एक साजिस के तहर बिना नोटिस दिए अस्पताल को बंद कर उन्हें भुखमरी के कगार अपर पहुंचा दिया है ।अस्पताल कर्मचारियों आरोप है की हॉस्पिटल के संचालक सरकारी जमीन पर ट्रष्ट के इस हॉस्पिटल को बंद करके बेचने की कोशिस कर रहे है।अस्पताल में काम कर रहे करीब 400 कर्मचारियों को समझ नहीं आ रहा है की वे क्या करें ।इन्होने अदालत का दरवाजा खटखटाया है लेकिन ये अदालन की आदेशों को भी नहीं मान रहे है ।अचानक उन्होंने अस्पताल बंद करने नोटिस चिपका दिया।उधर अस्पताल प्रबंधक यह मान रहे है की अभी अस्पताल बंद के कगार पर है ।दिल्ली सरकार पर उनका 13 करोड़ रुपया बकाया है जो उन्हें नहीं मिल रहा है।इस वजह से वे डॉक्टर्स और कर्मचारियों को पैसा नहीं दे पा रहे है ।डॉक्टर्स काम छोड़कर भाग गए है लेकिन जैसे ही पैसे का इंतजाम हो जाएगा अस्पताल फिर से शुरू हो जाएगा ।सुंदर लाल जैन अस्पताल के संचालक अस्पताल के बंद होने की वजह दिल्ली सरकार से पैसा न मिलने को मान रहे है । लेकिन स्थानीय विधायक का कहना है इस अस्पताल को बेचने की चर्चाएं काफी समय से चल रही है ।स्थानीय विधायक राजेश गुप्ता का कहना ही की कर्मचारियों को वेतन मिलना चाहिए। इस पर वे स्वास्थ्य मंत्री से बात करेंगे।अशोक विहार में स्थित सुंदर लाल जैन अस्पताल अशोक विहार की पहचान है।लेकिन यह पहचान ख़त्म होने के कगार पर है ।अब बड़ा सवाल है की इस अस्पताल की इस हालत का जिम्मेदार कौन है ।यह काम कर रहे सैकड़ों लोग भुखमरी के कगार पर है इनका कसूर क्या है और ये किसे अपने व्यथा सुनाएं।