दिल्ली (बवाना)- बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में DSIIDC की तरफ से फैंक्ट्री मालिको को पांच तरह के नोटिस भेजे गए हैं.. नोटिस में पूछा गया है कि फैक्ट्री जिस व्यक्ति के नाम आवंटित की गई थी, उसने वह किसी और को बेच दी या फिर आपना ट्रेड बदल दिया , ऐसे में क्यों न इस फैक्ट्री की लीज कैंसल कर दी जाए ।जिनके बाद से ही बवाना में फैक्ट्री चलाने वाले सभी कारोबारी घबराए हुए है आज बवाना में कारोबारियों ने एक जुट होकर कही dsiidcद्वारा भेजे गए नोटिस को जला दिया तो कही इसका विरोध कर नारे लगाते हुए कारोबारियों ने नोटिस फाड़ दिए ।दरसल बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में करीब 16000 फैक्ट्रियां है जिसमे से करीब 11000 फैक्ट्री को नोटिस दिया गया। यह नोटिस फरवरी में हुए एक सर्वे के बाद लगाए गए जिससे करीब 4 लाख परिवारों को बेरोजगार होने का खतरा मंडराने लगा। इस बाबत बवाना के कारोबारी हर पार्टी के नेता से मिल चुके पर कही से कोई समाधान नही हुआ । इनका कहना है कि अब भी अगर इनकी मांगे नही मानी गयी तो ये लोग सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने को मजबूर होंगे ।
इन कारोबारियों का कहना है की इन्हे 22 साल पहले प्लाट मिले थे , कई फैक्ट्री मालिक स्वर्ग सिधार गए तो कुछ ने बदली परिस्थतियों को देखते हुए ट्रैड बदल लिया –कुछ ने अपनी प्रॉपर्टी बेच दी — इनकी मांग है कि इनकी फैक्ट्रियों को फ्री होल्ड कर इन्हें मालिकाना अधिकार दिया जाए जिससे ये समय के साथ-साथ अपने कार्यों में बदलाव कर सकें क्योंकि जो काम पहले चला करते थे उनमें बदलाव आया जिसकी वजह से इन्होंने अपनी चक्की में बनने वाले चीजों में भी बदलाव कर दिया जिसके बाद इनको भी ऐसे ही डीएसआईआईडीसी द्वारा नोटिस भेज दिए गए इस नोटिस के बाद से ही कारोबारी तो परेशान है ही साथ ही साथ लाखों लोग जो फैक्ट्री में काम करते हैं उन पर भी बेरोजगार होने का खतरा मंडरा रहा है यही वजह है कि अब बवाना के कारोबारी सभी फैक्ट्रियों को फ्री होल्ड करने की मांग कर रहे हैं ।
अपनी मांगों के साथ ये सभी कारोबारी दिल्ली सरकार में उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन से भी मिले थे लेकिन इनका कहना है कि मंत्री जी से उन्हें कोरे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। ऐसे में इन सबके रोजगार के ऊपर खतरा मंडरा रहा है। अब ये कारोबारी हर उस दरवाजे को खटखटा रहे हैं जहां से इन्हें मदद की आस है, देखने वाली बात ये होगी कि इस मुसीबत से कौन इन्हें उबारेगा।