दिसंबर 2015 मे पूरे प्रदेश मे पिछली व्यवस्था के तहत राशन आया। लेकिन नया कानून आने से पिछली व्यवस्था के तहत आया राशन आज तक नही बंटा।पिछले दो साल से भी ज्यादा के समय से हजारो करोड का अनाज पूरे प्रदेश में है जिसकी अनुमानित राशि 125 करोड़ है खुद प्रदेश के खाद्य और रसद मंत्री के अनुसार ।
अकेले गाजियाबाद की बात करे। तो गाजियाबाद मे पांच हजार कुन्तल गेहू और 4015 कुन्तल चावल पिछले दो साल से ऐसे ही रखा है। जिसकी कीमत करीब 1 करोड 65 लाख है। जबकि पूरे प्रदेश मे 65000 टन राशन पिछले दो सालो से रखा हुआ है और जब इस मामले में खाद्य पदार्थ मंत्री अतुल गर्ग से बात की गई तो उनका कहना है। कि मामला गंभीर है। और इस मामले मे केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है। और जल्द ही पुरानी पॉलिसी के तहत पडे स्टाक को समायोजित कर लिया जायेगा।
हालांकि मंत्री जी के पास इस बात का जवाब नहीं था कि जब केंद्र और प्रदेश में दोनों में उनकी सरकार है तो फिर दिक्कत कहां आ रही है। कुछ सवालों को सुनकर मंत्री जी दर्शनार्थ की बात करने लगते हैं ऐसे में सवाल ये उठता है की जहां प्रदेश में बच्चे भरपेट भोजन ना मिलने के कारण कुपोषण का शिकार बन रहे हैं तो इतने बड़े पैमाने पर अनाज होते हुए भी ना बांटना कितना जायज है