दिल्ली वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का प्रस्ताव 2003 में किया गया.
1-2005 में प्रोजेक्ट का काम केएमपी एक्स्प्रेसवे लिमिटेड को दिया गया. शुरू में पूरे प्रोजेक्ट की लागत 1915 करोड़ रुपए थी.
2-2005 में एचएसआईआईडीसी और केएमपी एक्सप्रेसवे के बीच समझौते के मुताबिक प्रोजेक्ट 2009 में पूरा होना था.
3-प्रोजेक्ट शुरुआती डेडलाइन पार कर गया और आगे कई डेडलाइन मिलती गई.
4-जून 2012 में हरियाणा सरकार, दिल्ली सरकार और प्रोजेक्ट निर्माण कंपनी के बीच एक बैठक हुई और एक्सप्रेसवे का काम मई 2013 तक पूरा करने पर सहमति बनी.
5-निर्माण में देरी के कारण एचएसआईआईडीसी ने अप्रैल 2012 में कंस्ट्रक्शन कंपनी पर जुर्माना लगाने का सोचा. कंपनी इसके खिलाफ कोर्ट पहुंची और निर्माण का काम लटक गया.