रविवार 7 अप्रैल को दिल्ली के मोंटफोर्ट स्कूल में ब्रह्मकुमारीज ने एक सभा का आयोजन किया। जिसमें जीवन के उन गूढ़ रहस्यों पर बात हुई जिनको अगर जीवन में उताल लिया जाए तो जीवन वाकई सुगम और सरल होने के साथ-साथ आनंदमय हो सकता है। इस मौके पर ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी ने मंच से अपने विचारों से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। ब्रह्मकुमारी शिवानी को सुनने को सुनने के लिए भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए। इस आयोजन में जीवन के हर पल को कैसे उत्सव के रूप में मनाया जाए इस पर चर्चा हुई। इस आयोजन को नाम दिया सेलेब्रेट एवरीमुमेंट जीवन के प्रत्येक पल को उत्सव बनाएं – ब्रह्म कुमारीज शिवानी दीदी
- हम ऊपर से हंस खेल रहे हैं लेकिन अंदर उदास हैं
- उस पल को याद करो जब हमारे साथ कुछ गलत हुआ था।
- क्या जीवन का हर पल एक उत्सव हो सकता है ?
- मन को शांत कर लेंगे तो सभी शोर शांत हो जाएंगे
- परिस्थिति मन स्थिति को बिगाड़ सकती है
- मन की स्थिति अपने नियंत्रण में कर लें
- दूसरों के व्यवहार से प्रभावित ना हों
- अगर सारा दिन खुश रहना है तो अपनी पसंद के विचार पैदा करें
- हम स्वयं की वजह से परेशान हैं दूसरों की वजह से नहीं
- मन की स्थिति का जिम्मेदार कौन?
- जिन्होंने हमारे साथ गलत किया उनको भी आशीर्वाद दो
- लोग अपने अनुसार व्यवहार करेंगे हमें कैसे प्रतिक्रिया देनी है, हम पर निर्भर हैं
- मृत्यु के बाद संस्कार और कर्म साथ जाते हैं
- इस जन्म को हमारे पुराने जन्म के कर्म और संस्कार प्रभावित करते हैं
- हर आत्मा के पास 5 तरह के संस्कार होते हैं
- पहला संस्कार- पूर्व जन्म के संस्कार
- दूसरा संस्कार – परिवार से मिले संस्कार
- तीसरे संस्कार – वातावरण से पैदा हुए संस्कार
- चौथे संस्कार – मेरी विल पावर से बनाए गए नए संस्कार
- पाँचवाँ संस्कार – आत्मा के स्वयं के पवित्र और सुंदर संस्कार
- सतोगुणी आत्मा के संस्कार- शान्ति, पवित्रता, शक्ति, प्यार, खुशी, ज्ञान, आनंद
- जीवन में थोड़े से बदलाव आपके संस्कारों को नई दिशा दे सकते हैं।