राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार के दूसरे बड़े अस्पताल सफदरजंग में बुधवार को 300 से भी ज्यादा नर्सिंग ऑफिसरों ने हड़ताल किया और इमरजेंसी के सामने धरना दिया। इनका कहना है कि अस्पताल में चार हजार से भी ज्यादा नर्सों की वैकेंसी है जिस पर वर्तमान में केवल 650 नर्सें ही काम कर रही हैं, लेकिन इसके बाद ठेका कार्यकाल का बहाना कर उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है।
हाथों में तख्तियां और जुबान पर नारे लिए ये वो नौजवान हैं जो अस्पतालों में कर्मचारियों के आभाव में मर रहे मरीजों को बचाने के लिए सेवा देना चाहते हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन ठेके के नियम का हवाला देकर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा रही है। इनका कहना है कि खुद मंत्रालय ने इनकी नियुक्ति की थी, अस्पताल में चार हजार नर्सों की वैकेंसी भी है लेकिन इसके बाद भी उन्हें निकाला जा रहा है
इन लोगों की मानें तो यह कोई पहली बार नहीं हुआ। सरकार ने ठेकेदारी की ऐसी प्रथा शुरू की है, जिसमे हर एक दो साल में इनकी स्थिति यही हो जाती है। इनका कहना है कि आखिर कब तक वे इसी तरह से नौकरी के लिए सड़कों पर बैठते रहेंगे। इसलिए इस बार ये भी आर या पार के मूड में हैं।
नर्सिंग ऑफिसर अपनी जिद पर अड़े हैं और पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि यह धरना कब तक चलेगा और इसका क्या परिणाम निकलेगा