राजनीति के कई रंग होते हैं, उन्ही में से एक रंग है विरोध का। जी हाँ अपने देश की राजनीति में यह रंग बहुतायत में मिलता है। इसमें चीजों का सिर्फ इसलिए विरोध किया जाता है क्योंकि कार्य विरोधी पार्टी का है। इस रंग की सबसे ख़ास चीज होता है इसका तर्क। आइए राजधानी दिल्ली में दिखाते हैं आपको इस रंग के ताजातरीन नमूने ।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने जब डीटीसी बसों और मेट्रो में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा का एलान किया तो राजनीतिक पार्टियों समेत खुद मेट्रो ने भी वित्तीय कारणों का हवाला देकर उसका विरोध किया था। भाजपा के कई नेताओं ने अपने विरोध के लिए कई तर्क भी गढ़े, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद की आस लगाए राजयसभा सांसद विजय गोयल इसका विरोध कैसे करते हैं ,
सुना आपने, विजय गोयल ने फ्री सफर पर अपने विरोध के लिए क्या मजेदार तर्क ढूंढा है। ये तो कुछ भी नहीं, दिल्ली सरकार द्वारा सभी विधानसभाओं में लगाए जा रहे सीसीटीवी के विरोध पर इनका तर्क सुनिए, हमारा दावा है आप भी अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे ।
गोयल साहब के तर्क सुनकर अगर आप इन्हे इनके फाइनल विचार मान रहे हैं तो हम आपको बता दें राजनीति के इस रंग की कोई गारंटी नहीं होती, ये कभी भी फीका पड़ सकता है। वैसे भी भाजपा में जीएसटी ईवीएम जैसे इसके कई उदहारण हैं ।