करीब छह महीने पहले तक देश में लोगों के जुबान पर सबसे ज्यादा पाया जाने वाला सवाल था, कहाँ हैं अच्छे दिन। लेकिन अब ये सवाल उतना नहीं सुनाई पड़ता। शायद यह मोदी जी की बम्पर जीत और सिंडिकेट बैंक के नए ऑफर का कमाल है, जहाँ न सिर्फ सबसे कॉम्पटीटिव रेट पर हर तरह के लोन मिल रहे हैं, बल्कि लोन देने के लिए बैंक के कर्मचारी खुद ग्राहकों के पास जा रहे हैं। यही नहीं सिंडिकेट बैंक किसी भी बैंक से चल रहे पुराने और महंगे हाउसिंग लोन को लेकर उसे कम रेट ऑफ इंट्रेस्ट में लोगों को दे रहा है।
एक जमाना था जब बैंक में खाता खोलने के लिए लाइनें लगा करती थी, दस तरह के कागज़ ढूंढने पड़ते थे और उसी ब्रांच का एक पुराना ग्राहक गारेंटर के तौर पर जुगाड़ करना पड़ता था। लोन तो बहुत दूर की बात अपने पैसे जमा कराने के लिए भी जंग लड़नी पड़ती थी। लेकिन अब बदलते दौर के साथ बैंकिंग सेक्टर भी बदल गया है। सबसे ज्यादा बदलाव आया है बैंको की सोच में। पहले जहाँ बैंक लोन देने में इस तरह से हिचकते थे जैसे उनके दहेज़ से कट जाएगा तो वहीँ अब बैंक कह रहे हैं कि आप बैंकर तभी हैं जब लोन दे रहे हैं। अन्यथा पैसे लेने वाले तो कई अधिकारी हैं।
यही नहीं सिंडिकेट बैंक ने प्रधानमंत्री मोदी के वर्ष 2022 तक सबको घर के सपने को पूरा करने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया है। ग्राहक ने पहले चाहे किसी भी बैंक से ऊँचे दर पर होम लोन लिया हो, सिंडिकेट उस लोन को अपने पास लेकर ग्राहकों को पहले से सस्ते दरों पर लोन दे रहा है। जिससे मासिक किश्तों में काफी बचत हो सकती है।
खुद को कस्टमर फ्रेंडली बनाने के लिए सिंडिकेट बैंक अब खुद लोगों तक पहुँच रहा है। बैंक प्रबंधन का कहना है कि सिंडिकेट बैंक ने अपनी शुरुआत भी इसी तरह के एक स्किम से वर्ष 1925 में की थी, जिसमे बैंक कर्मी खुद लोगों तक जा कर उन्हें सुविधाएं देते थे। इसके लिए बैंककर्मी सड़क पर उतर कर लोगों से मिल रहे हैं और बैंक के स्कीमों की जानकारी दे रहे हैं।