अस्पताल के आईसीयू में लेटे दिखाई दे रहे यह योगेश मोहन है, जो बल्लभगढ़ के नीमका पॉलिटेक्निक के लेक्चरॉर है। इसके अलावा अस्पताल में नारेबाजी कर रहे ये सभी छात्र और महिलाएं भी लेक्चरॉर हैं जो पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल की प्रताड़ना के ही शिकार है। यहां तैनात लेक्चरर विनीता भाटिया की माने तो प्रिंसिपल का व्यवहार उनके प्रति जरा भी सही नहीं। विनीता की मानें तो सरकार ने इक्वल वर्क और इक्वल सैलरी देने का कानून पास किया है, लेकिन प्रिंसिपल उनके ये सैलरी नहीं दे रहा ? इतना ही नहीं आरोप तो ये भी है की प्रींसिपल स्टाफ के साथ गाली गलौज करता है और बदतमीजी से भी बात करता है। कुछ लेक्चरॉर का तो ये भी कहना है की प्रिंसिपल अपने कमरे में बुलाकर अंदर से चिटकनी बंद कर लेता है और तरह तरह की प्रताड़ना देता है। जिसकी शिकात सभी साथियों ने महिला पुलिस, जिला उपायुक्त, मण्डल आयुक्त, चंडीगढ़ में बैठे उच्च अधकारियों को भी की है। वही पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल राजेश सिंघानिया की मानें तो उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार है। उनकी माने तो। इस तरह का उत्पात मचाने वाले यह सभी लेक्चरर गलत है और इनके सबूत उनके पास है। उन्होंने यह भी कहा कि यह बेशक शिकायत कहीं भी कर ले लेकिन वह पूरी तरह से नापाक है।
प्रींसिपल पर लगे अध्यापक और स्टाफ के साथ गाली-गलौच के आरोप
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