-डिम्पल भारद्वाज, दिल्ली दर्पण टीवी
काली घनेरी रात में एक दिये की रोशनी भी किसी उम्मीद से कम नहीं लगती। जी हां, बीते कुछ समय में उत्तरी दिल्ली के कई इलाकों से प्रदर्शन और आग जनी की तस्वीरें सामने आई नागरिक्ता संशोधन कानुन के खिलाफ शुरु हुआ ये प्रदर्शन ना जाने कब साम्प्रदायिक हो गया और 27 लोगों की ले गया। इस हिंसक प्रदर्शन में 200 से ज्यादा लोग घायल भी हुए।इतना ही नहीं लोगों के मकानों, दुकानों और वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया। लेकिन इस महौल में भी एकता की मिसाल कायम करते कुछ किस्से भी सामने आये। हम बात कर रहे हैं उत्तर पूर्वी इलाके के अशोक नगर इलाके की.जहां दंगाइयों ने यहां रहने वाले लोगों के घर दुकान को तेहस नेहस कर दिया। ऐसा ही कुछ मंज़र सलमान खुर्शिद के सामने भी आया. समय दोपहेर 1 बजे का था जब करीब 1 हज़ार लोग की भीड़ इलाके की बड़ी मस्ज़िद के पास आ गयी मस्ज़िद में करीब 20 लोग नमाज़ अदा करने पहुंचे थे। पीड़ित खुर्शिद ने बताया ये भीड़ मस्ज़िद के अंदर पहुंची और नारे लगाने लगी। जिसके बाद वो अपनी जान बचाने के लिये वहां से भाग गये। स्थानीय लोग लगातार दंगाइयों से आग्रह किया की स्थानीय संपत्ती को नुकसान ना पहुंचाएं । लेकिन दंगाइयों ने किसी की नहीं सुनी।खुर्शिद के साथ साथ वहां कई घरों को दंगाइयों ने बड़ा नुकसान पहुंचाया किसी के पास कुछ नहीं बचा। इस घटना के बाद खुर्शिद और उसका परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो चुका था जिसके बाद उन्होंने सड़क पर आने पड़ा लेकिन इस समय में उनका साथ दिया हिन्दू परिवारों ने और अपने घर के दरवाज़े उनके लिये खोल दिये।उन्हें अपने घर में जगह दी और उनका साथ दिया। खुर्शिद का कहना है की वो पिछले 25 सालों से इस जगह पर रह रहे हैं और हिन्दू और मुस्लिम एक परिवार जैसा महौल बना कर रखते हैं और आज तक हिन्दू और मुसलमानों में यहां लड़ाई नहीं हुई। लेकिन अब हर जगह स्थिति सामान्य है और भारी पुलिस बल जनता की सुरक्षा के लिये चप्पे चप्पे पर तैनात है। तो देखा आपने की हमारा देश भारत कितना महान है।