ब्यूरो, दिल्ली दर्पण टीवी
कोरोना वायरस पर कण्ट्रोल करने के लिए दिल्ली के सभी स्कूल 31 मार्च तक बंद किए गए हैं। इन आदेशों के मुताबिक, एक अप्रैल से स्कूलों में फिर से सामान्य शिक्षा कार्य होना है। हालाँकि दिल्ली सरकार कोई रिस्क लेने को त्यार नहीं है इसीलिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली शिक्षा निदेशालय के उच्चाधिकारियों की एक बैठक बुलाई है। जिसमें यह तय किया जाएगा कि लंबे समय तक स्कूलों के बंद रहने पर बच्चों की पढ़ाई के होने वाले नुकसान को कम करने और पढ़ाई को घर पर ही जारी रखने के क्या विकल्प हैं? पर अगर आने वाले दिनों में स्थिति सामान्य नहीं होती है तो स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाई जा सकती हैं. भारत में भी कोरोना वायरस अपने पैर फैला चूका है हालाँकि और देशो के मुकाबले भारत की स्तिथि अभी भी काफी मजबूत देखि जा रही है इसी वजह से सरकार इन 15 दिनों में किसी भी तरह का रिस्क लेने को त्यार नहीं है , दिल्ली सरकार पहले ही कोरोना को लेकर काफी एतिहाद बरत रही है जिसके चलते दिल्ली में सिनेमाघरों से लेकर मंदिरो तक पर भीड़ होने नहीं दी जा रही , दिल्ली में स्कूलों को 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है कियुँकि यह 15 दिन इस वायरस की रोकथाम के लिए काफी एहम बताये जा रहे है इसके बावजूद भी अगर हालात सामान्य होते हुए नहीं दिखते हैं तो दिल्ली सरकार स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा सकती है. वर्तमान परिस्थिति की समीक्षा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने सभी उच्चाधिकारियों, स्कूलों के प्रधानाचार्य, शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों, निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों, DCPCR और अन्य लोगों की बैठक उपमुख्यमंत्री कार्यालय में 26 मार्च को बुलाई है। इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी लोग भाग ले सकते हैं, लेकिन प्रतिभागियों की अधिकतम संख्या 15 होगी। इस बैठक का मूल उद्देश्य ऐसे आइडिया लेकर आना है जिसके जरिए बच्चों को उनके घर पर ही अभिभावकों की निगरानी में पढ़ाई जारी रखने का अवसर मिल सके.