Friday, November 22, 2024
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ठेके पर नहीं, बिना लिखत-पढ़त के सिर्फ सेवा भाव से करेंगे राम मंदिर निर्माण – 1992 में हुआ फैसला

देश, दिल्ली दर्पण टीवी

राम भक्त राम मंदिर फैसले के बाद से अब तक राम मंदिर बनने का इंतज़ार कर रहे हैं। जिसके लिए अब तैयारियां तेज़ हो गयी हैं। जिसके लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास की बैठक की जानी हैं जिसमें भूमिपूजन की तिथि और निर्माता कंपनी के प्रस्ताव पर भी मुहर लगेगी। खास बात ये हैं की राम मंदिर का निर्माण करने वाली कंपनी लार्सन एंड टुब्रो है जो मंदिर निर्माण का निर्माण सेवा भाव से करने की बात कर रही हैं जी हां सही सुना आपने ये कपंनी प्रमुख वीरप्पन ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है की वो ये काम सेवा और भक्ति भाव से करेगी ना कि ठेका लेकर व्यावसायिक नजरिये से, और ये सब आज कल में नहीं बल्कि बरसों पहले ही तय हो गया था वो भी एक अलिखित करार के साथ। दरअसल ये करार कंपनी और राम मंदिर आंदोलनकारियों के बीच ये सब 1992 के बाद ही तय हो गया था जब विश्व हिंदू परिषद के तत्कालीन अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने मुंबई में इस कंपनी से मंदिर निर्माण के लिए बात की थी. तब कंपनी प्रबंधन ने वादा किया था कि वो अयोध्या में जन्मभूमि पर राममंदिर निर्माण में बिना किसी शर्त के सेवा भाव से सहयोग करना चाहते हैं।

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