नई दिल्ली, 07 सितंबर, 2020
मन्नत, दिल्ली दर्पण टीवी| आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की आवाज दबाने के लिए घंटों डिटेल करके रखा। तीन बार विधायक रहे निरवेंद्र मिश्रा (73) की लखीमपुर खीरी में जमीन विवाद में पुलिस की मौजूदगी में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और सांसद संजय सिंह मृतक विधायक के परिवार से मिलने गए थे।
वहां से लौटने के दौरान एएसपी ने संजय सिंह को बिना कारण, बिना नोटिस और बिना वारंट के सीतापुर के अटरिया गेस्ट हाउस में तीन घंटे तक डिटेन करके रखा। चूंकि संजय सिंह ठाकुर समाज से हैं और इसके बावजूद वो लगातार आवाज उठा रहे हैं कि योगी जी सरकार में ठाकुर समाज को छोड़कर, बाकी समाजों के साथ अत्याचार और पक्षपात किया जा रहा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण होना सबसे बड़ा अपराध हो गया है। हर दूसरे दिन मरने वाला आदमी मिश्रा है, दूबे हैं, पांडेय है शर्मा है, वाजपेयी है।
योगी जी के राज में उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों और दलितों को अत्याचार झेलना पड़ रहा- सौरभ भारद्वाज
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ उर्फ अजय सिंह बिष्ट यहां के मुख्यमंत्री बने हैं, यह बात साफ तौर पर देखने में आ रही है, लोग यह बात कर रहे हैं, और उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी चर्चा यही है कि उत्तर प्रदेश में सारे प्रशासन पर एक खास समाज का जमावड़ा है। योगी आदित्यनाथ उर्फ मोहन सिंह विष्ट ठाकुर समाज से आते हैं और ठाकुरों का वर्चस्व प्रशासन के अंदर देखा जा सकता है।
इससे गंभीर बात यह है कि योगी जी के राज में उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों और दलितों को लगातार अत्याचार झेलना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण होना सबसे बड़ा अपराध हो गया है। हर दूसरे दिन मरने वाला आदमी मिश्रा है, दूबे हैं, पांडेय है शर्मा है, वाजपेयी है। उत्तर प्रदेश में कल एक ऐसी घटना हुई है, जिसे सुन कर आप दहल जाएंगे, उत्तर प्रदेश में दिनदहाड़े तीन बार विधायक रहे निरवेंद्र मिश्रा (73) की पुलिस के सामने ही लाठियों से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।
सीओ खुद आकर विधायक की हत्या करने वाले आरोपियों को मारपीट कर छुड़ा ले गए- सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने विधायक निरवेंद्र मिश्रा के बेटे की एक वीडियो मीडिया को दिखाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में इस हद तक हालात खराब है कि तीन बार विधायक रहे नरेंद्र मिश्रा का एक जमीन का विवाद था, अदालत में केस चल रहा था। पुलिस की मौजूदगी के अंदर उनको लाठियों से पीटकर मारा गया। जिन लोगों ने उन्हें पीट कर मारा और जो लोग अपराधी थे, उनको गांव वालों ने पकड़ कर बंद किया।
इसके बाद वही के पुलिस सीओ कुलदीप कुकरेती जी खुद अपराधियों को छुड़ाने के लिए इनके घर आए और उनकी मां और पत्नी को पीट-पीट कर अपराधियों को छुड़ा कर ले गए। यह घटना उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कल हुई हैं, जबकि कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी सुशासन चला रहे है।
उत्तर प्रदेश में लोगों को इतना डराया गया है कि कोई आवाज उठाने के लिए तैयार नहीं- सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मृतक के परिवार वालों से मिलने आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा के सांसद संजय सिंह जी जब लखीमपुर खीरी गए और वहां से लौट रहे थे, तो उनको रास्ते में पुलिस ने रोका लिया। एएसपी एएन सिंह ने संजय सिंह जी को अटरिया, सीतापुर के गेस्ट हाउस में डिटेन किया। बिना किसी कारण, बिना किसी वारंट और बिना किसी नोटिस के उनको कई घंटों तक डिटेन में रखा गया। उत्तर प्रदेश में लोगों को इतना डराया गया है कि कोई आवाज उठाने के लिए तैयार नहीं है।
ऐसे में संजय सिंह जी ही ऐसे आदमी हैं, जो खुद ठाकुर समाज से आते हैं और इस बात की आवाज उठा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में ठाकुर समाज को छोड़कर, बाकी समाजों के साथ अत्याचार किया जा रहा है, पक्षपात किया जा रहा है। संजय सिंह जी की जुबान को बंद करने के लिए उनके ऊपर अलग-अलग खानों में अब तक 13 जगहों पर मुकदमें दर्ज कराए गए हैं। कल उनको एएसपी ने सीतापुर के अटारी गेस्ट हाउस में 3 घंटे तक डिटेन किया। सिर्फ इसलिए कि यह दबाव बनाया जा सके कि संजय सिंह ब्राह्मणों और दलितों की आवाज उठाना बंद करें। मैं अजय सिंह बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) को यह बताना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी इन गीदड़ धमकियों में आने वाली नहीं है और हम यह आवाज आगे भी उठाते रहेंगे।
एक न्यूज पोर्टल का दावा, उत्तर प्रदेश में योगी जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद करीब 500 ब्राह्मणों की हत्या हुई- सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने मीडिया में प्रकाशित कुछ खबरों का हवाला देते हुए कहा कि एक न्यूज पोर्टल के अंदर 14 जुलाई 2020 को प्रकाशित एक आर्टिकल को पढ़ा। उस आर्टिकल में उन्होंने यह लिखा है कि पिछले 11 दिनों में 23 ब्राह्मण समाज के लोगों की हत्या की गई है। आर्टिकल में कई ब्राह्मण समाज की एसोसिएशन की तरफ से और न्यूज पोर्टल की तरफ से यह बात कही गई है कि जबसे यह योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं, पिछले 2 सालों में कम से कम 500 ब्राह्मणों की हत्या की गई है। इसके अलावा भी कई बड़े-बड़े हत्याकांड हैं, जिनके बारे में अक्सर हम सुनते हैं, पूरे के पूरे अखबार उनसे भरे हुए हैं।
हाल ही में कानपुर के अंदर 16 साल के नौजवान प्रभात मिश्रा, जिस पर कोई मुकदमा नहीं था, हाई स्कूल में पढ़ने वाले मेघावी स्टूडेंट को पुलिस ने एनकाउंटर करके मार दिया। उत्तर प्रदेश में एक बच्चे का भी पुलिस एनकाउंटर कर रही है। एक अन्य मामले में खुशी दूबे, जिनकी दो दिन पहले शादी हुई थी और पुलिस ने उन्हें अब तक गिरफ्तार किया हुआ है। इसके अलावा पिछले सालों में दर्जनों बड़े-बड़े हत्याकांड हुए हैं, जिन्हें बता सकता हूं और वे सभी ब्राह्मण हैं। उनका अपराध बस इतना है कि वो ब्राह्मण है या दलित हैं।
पिछले दो साल के दौरान इन प्रमुख ब्राह्मण समाज के लोगों की हत्या की गई
सौरभ भारद्वाज ने मीडिया को पिछले दो सालों के दौरान हुई ब्राह्मणों की कुछ प्रमुख हत्याकांड की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि सहारनपुर में कृष्णपाल शर्मा, शामली में अजय पाठक, मेरठ में अधिवक्ता मुकेश कुमार, मेरठ में ही प्रिंस कुमार शर्मा, हिमांशु, मुदित शर्मा की हत्या की गई। इसी तरह मैनपुरी में सारा मिश्रा व एक छात्रा की छात्रावास में हत्या, आगरा में सतीश शर्मा, कन्नौज में अमन मिश्रा, इटावा में राजेश प्रसाद पचैरी और अन्य चार लोगों की हत्या, झांसी में जगदीश उदयनियाल, कुमुत, रजनी और मुस्कान की हत्या, लखीपुर में पत्रकार रमेश मिश्रा, बस्ती में राजेश पांडे व उनके पुत्र, आदित्य नारायण तिवारी, सीतापुर में राजेश प्रसाद पांडे और उनके बेटे की हत्या, गोरखपुर में अनुराग शर्मा, आर्य स्वरूप मिश्रा, मेरठ में सत्य प्रकाश शुक्ला की पुलिस हिरासत में मौत, अमेठी में प्रमोद मिश्रा, बलिया में सुरेश पांडे, जौनपुर में सुभोजीत दूबे, प्रतापगढ़ में विवेक तिवारी, प्रयागराज में विजय शंकर तिवारी, संजय शुक्ला, महेश दत्त तिवारी, योगेश पांडेय और अन्य तीन की हत्या, लखनउ में कमलेश तिवारी, शिशिर त्रिपाठी और उन्नाव में पत्रकार शिवमणि त्रिपाठी की हत्या की गई। उत्तर प्रदेश के अंदर हर दूसरी हत्या या तो किसी दलित भाई की होती है या किसी ब्राह्मण भाई की होती है। ऐसा लगता है कि योगी राज के अंदर ठाकुरों को छोड कर कोई सुरक्षित नहीं है।