अंशुल त्यागी, दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली, 10-09-2020| उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज हरिनगर और तिलकनगर स्थित आइटीआइ का दौरा किया। उन्होंने दोनों संस्थानों की शैक्षणिक गतिविधियों और कार्यप्रणाली के साथ ही इनकी आवश्यकताओं की भी जानकारी ली। श्री सिसोदिया ने शिक्षा मंत्री के बतौर अपने दूसरे कार्यकाल में स्कील एजुकेशन को अपना प्रमुख एजेंडा बनाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में देश और दुनिया के सामने एक माॅडल पेश किया है। अब कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देते हुए दिल्ली और देश को आर्थिक मंदी से निकालने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में दिल्ली स्कील एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (डीएसईयू) विधेयक पारित किया गया था। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को चुनौती के बतौर लेते हुए विभिन्न तकनीकी संस्थाओं के दौरे का सिलसिला तेज कर दिया है। इस क्रम में आज हरिनगर और तिलकनगर स्थित आइटीआइ के दौरे में कालकाजी विधायक आतिशी भी शामिल हुईं। श्री सिसोदिया ने दिल्ली स्थित सभी आइटीआइ, पोलिटेकनिक और कौशल विकास केंद्रों का लगातार दौरा करने की योजना बनाई है ताकि स्कील यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ा सकें। श्री सिसोदिया ने कहा कि इन्हें विश्वस्तरीय गुणवत्ता वाले संस्थान के बतौर विकसित किया जाएगा।
इस दौरान श्री सिसोदिया इन संस्थानों के शिक्षकों, कर्मचारियों और स्टूडेंट्स के साथ ही पूर्व छात्रों से भी मिलकर उनकी समस्याओं और सुझावों पर चर्चा कर रहे हैं।
श्री सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्कूली शिक्षा की तरह स्कील सेक्टर में भी बड़े कदमों की तैयारी कर ली है। जल्द की इसका परिणाम दिखने लगेगा। दिल्ली स्कील एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी सिर्फ हमारे देश के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए एक मिसाल बनेगी। हमारी कोशिश है कि हर बच्चे को उसकी आकांक्षा और क्षमता के अनुसार वोकेशनल एजुकेशन मिले ताकि उन्हें अपने कैरियर की उंचाइयों तक जाने का अवसर मिल सके। श्री सिसोदिया के अनुसार उद्योग जगत की आवश्यकता के अनुरूप आधुनिक तकनीक की पर्याप्त समझ और व्यावहारिक प्रशिक्षण के जरिए हर स्टूडेंट को पूर्णतया योग्य बनाया जाएगा। ऐसा करके ही सबको रोजगार के योग्य बनाया जा सकेगा।
श्री सिसोदिया ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट के आलोक में देश को विकास की दिशा में ले जाने के जिस कौशल और उद्यमिता की जरूरत है, उसे पूरा करने के लिए दिल्ली संकल्पबद्ध है। इसके तहत कौशल प्रशिक्षण के साथ ही एप्रेन्टिसशिप के भी अवसर दिए जाएंगे। साथ ही, औद्योगिक संस्थाओं का भरोसा जीतते हुए सभी प्रशिक्षुओं के लिए बेहतर प्लेसमेंट तथा आकर्षक सैलरी भी लक्ष्य है। जिन स्टूडेंट्स को जरूरत होगी, उनकी वोकेशनल एजुकेशन के लिए वित्तीय सहायता और स्काॅलरशिप का भी उपाय किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री श्री सिसोदिया के अनुसार डीएसईयू द्वारा देश विदेश की विभिन्न संस्थाओं के साथ विभिन्न कोर्स और नोलेज शेयरिंग के लिए तालमेल भी किया जाएगा।