मन्नत, दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली : स्वर्ण भारत परिवार ने सामाजिक,साहित्य,खेल,शिक्षा,कला,संस्कृति, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी व अन्य क्षेत्रों में नवाचार करने,उत्कृष्ट कार्य करने और युवाओं के बीच इसे बढ़ावा देने के लिए एक विशेष सम्मान की घोषणा की है। स्वर्ण भारत परिवार के चेयरमेन पीयूष पण्डित ने बताया कि राष्ट्रीय सम्मान डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय पुरस्कार 2020
कला संस्कृति ,सेवाभाव, वैज्ञानिक सोच,इनोवेशन,शिक्षा आदि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिया जाता है।
आपको यह भी बता दें कि कलाम पुरस्कार से उन्हीं लोगों को सम्मानित किया जाता है जो समाज में अपना योगदान बढ़ चढ़ कर दे रहे हैं।
छात्रों,गरीबों , दिव्यांगों की सेवा में कला प्रशासनिक,विज्ञान,शिक्षा,साहित्य ,सोशल वर्कफैशन
आदि क्षेत्रों में कार्य कर रहे।
101 सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों का चयन कर 20 सितम्बर 2020 को KALAM’S इंडिया मीट 2020 कार्यक्रम के तहत सभी को ऑनलाइन सेमिनार से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार में ऑनलाइन सर्टिफिकेट, सदस्यता सर्टिफिकेट सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म पर प्रेस रिलीज जारी किए जाएंगे ।
आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितम्बर है ।सम्मान चयन समिति में कंचन शर्मा,पूनम खंगारोत, अजिता सिंह, सीमा मिश्र,वंदना शुक्ला,,शताब्दी अवस्थी, डॉ.राधा वाल्मीकि, मंजू अग्रवाल,व पीयूष पण्डित स्वयं भी शामिल किए गए हैं। इस कार्यक्रम को आपके सहयोग से सम्पन्न कराने के लिए स्वर्ण भारत अत्यन्त उत्साहित है, इस मौके पर प्रेस रिलीज के माध्यम से कहा कि समाज के हर वर्ग को डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है। हम सभी यह जानते हैं कि डॉ. कलाम का आरंभिक जीवन संघर्षो से भरा था। बार-बार विफलता का सामना करने वाले नवयुवक ने हिम्मत का दामन नहीं छोड़ा। जीवन का वह एक अवसर उनके लिए स्वर्णिम बन गया, जिसके बाद उन्हें कभी पीछे मुड़कर देखने की आवश्यकता नहीं हुई।
देश के शीर्ष राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने वाले हम सबके प्रिय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। स्वाभाविक रूप से शिक्षक कलाम को जब राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया तब वहां भी उन्होंने अपनी विशेष छाप छोड़ी तथा एक सधे हुए राजनेता की भूमिका निभाई। भारत रत्न से अलंकृत पूर्व राष्ट्रपति सदैव जनता के संपर्क में रहे। ग्रामीण भारत में विश्वास रखने वाले डा. कलाम मेरे मन के बहुत करीब हैं। देश के विकास को उन्होंने सदा ग्रामीण जनजीवन के साथ जोड़कर देखा। मिसाइलमैन कलाम ने पृथ्वी, अग्नि जैसी मिसाइलों को विकसित किया, जिसके परिणामस्वरूप हमारा देश सुरक्षा की दृष्टि से आत्मनिर्भर बना। वहीं दूसरी ओर उनकी आत्म कथात्मक पुस्तकें सदियों तक युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत रहेंगी।
उन्होने कहा था कि सपने वे नहीं जो हम सोते हुए देखते हैं, सपने वे हैं जो हमें सोने नहीं देते। जीवन के अंतिम क्षणों में भी वे एक सभा को संबोधित कर रहे थे। वे सदा बच्चों के साथ और उनके आसपास रहना चाहते थे। मुझे सतत कर्म में निरत रहने वाली उनकी यह सक्रिय दृष्टि अनुकरणीय लगती है। हममें से प्रत्येक भारतवासी को आज देश एवं कर्म से प्रेम करने की आवश्यकता है। यही कर्ममय आस्था हमारे देश को ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
डॉ. कलाम जैसी अनमोल विभूति किसी भी देश में जन्मा वह सूर्य है, जिसकी चमक से संपूर्ण विश्व अलौकिक होता है, जो धर्म, संस्कृति, जाति और उम्र की सीमाओं से परे है। उस परम पिता से मेरी करमबद्ध प्रार्थना है-हे प्रभु भारतवर्ष में डॉ. कलाम जैसे सपूत बार-बार जन्म लें। मैं उस ईश्वर का धन्यवाद करना चाहता हूं कि ऐसी अलौकिक प्रतिभा के युग में मैंने इस धरती पर जीवन धारण किया।और आज अत्यंत हर्ष हो रहा है उनके जीवन दर्शन से प्रेरित हो देश के उत्कृष्ट व्यक्तियों, जो कलाम साहब के जीवन की तरह ही अपने अपने क्षेत्रों में कर्मशील हैं,उन्हें डॉ एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।