नई दिल्ली|| दिल्ली के पीतमपुरा स्थित दिल्ली हाट में आयोजित 22वें हुनर हाट में देश के कोने कोने से हुनरकार अपने हुनर को दिखाने के लिये पहुंचे हैं। यह हुनर हाट 11 नवंबर को शुरु हुआ और 22 नवंबर तक लोगों को देश के एक से बढ़कर एक हुनरकार से मिलाने के लिये जारी रहेगा। इस बार का हुनर हाट स्वदेशी और भारत के पारंपरिक खिलौनों के लिये बेहद खास रहा। क्योंकि जहां एक तरफ देश के साथ ही विदेशों में चाईना का जमकर विरोध हो रहा है।वहीं अब भारत के केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी भारत के खिलौनों को वैश्विक स्तर पर उताने पर जोर दे रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नकवी की माने तो अगर हमारे देश के खिलौनों को चाईना के साथ प्रतिस्प्रधा में उतारा जाए तो भारत भी खिलौनों के लिये एक बड़ा बज़ार बनकर उभर सकता है।
इसके साथ ही नकवी ने कहा कि दस्तकारों का शानदार स्वदेशी उत्पाद ही “हुनर हाट” की “लोकल शान” और “ग्लोबल पहचान” हैं।नकवी ने आगे कहा “हुनर हाट”, “लोकल के लिए वोकल” के संकल्प के साथ देश के दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और “आत्मनिर्भर भारत” मिशन को मजबूत करने का प्रभावी प्लेटफार्म साबित हो रहा है। कोरोना की चुनौतियों के चलते लगभग 7 महीनों के बाद “हुनर हाट” का आयोजन होने से देश के लाखों स्वदेशी विरासत के उस्ताद दस्तकारों, शिल्पकारों में उत्साह और ख़ुशी का माहौल है।
केंद्रीय मंत्री नकवी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि देश के हर क्षेत्र में देशी उत्पादन की बहुत पुरानी और पुश्तैनी परंपरा रही है, वह लुप्त हो रही थी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के आह्वाहन ने भारत के स्वदेशी उद्योग में नई जान डाल दी है।
बता दें पीतमपुरा में आयोजित “हुनर हाट” में 100 से अधिक स्टाल लगाए गए हैं। इस “हुनर हाट” में विभिन्न राज्यों से मिट्टी एवं मेटल से बने खिलौने, असम के ड्राई फ्लावर्स; आंध्र प्रदेश के पोचमपल्ली इक्कट; बिहार की मधुबनी पेंटिंग्स; दिल्ली की कैलीग्राफी पेंटिंग; गोवा से हैंड ब्लॉक प्रिंट; गुजरात से अजरख; जम्मू-कश्मीर से पश्मीना शाल; झारखण्ड से तुसार सिल्क और बेंत-बांस से निर्मित उत्पाद; कर्नाटक से लकड़ी के खिलौने; मध्यप्रदेश से हर्बल उत्पाद, बाघ प्रिंट, बटिक; महाराष्ट्र से बांस से निर्मित उत्पाद; मणिपुर से हस्तनिर्मित खिलौने; उत्तर प्रदेश से लकड़ी एवं कांच के खिलौने; आयरन निर्मित खिलौने आदि प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। इसके अलावा यहाँ आने वाले लोग बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा आदि के लजीज़ पारम्परिक पकवानों का आनंद भी ले सकते हैं।
साल 2020 का हुनर हाट कोरोना काल की वजह से हताश और परेशान लोगों को नई उर्जा देने का काम कर रहा है। यही वजह है की यहां आने वाले लोग और दुकानदार दोनों ही काफी खुश और उत्साहित दिख रहे हैं दुकानदारों की माने तो हुनर हाट एक ऐसी जगह है जहां वह खुद के हुनर को तो लोगों को दिखाने का मौका मिलता ही है साथ ही कई नए हुनर से रुबरु होने का मौका मिलता है। यही वजह है की यहां आने वाले लोग खुश होकर उनके हुनकर को सराहते हैं और ढेर सारा सामान खरीद कर साथ ले जाते हैं।