काव्या बजाज, संवाददाता
नई दिल्ली।। किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए 29 दिन पूरे हो चुकें है। जिसकी वजह दिल्ली के कई बॉर्डर सील हो चुकें है। लेकिन इसका असर सबसे ज्यादा दिल्ली –हरियाणा को जोड़ने वाले सिंधु बॉर्डर पर पड़ा है । कृषि कानून वापस लेने के लिए किसानों और सरकार में पहले ही पाँच बार बात चीत हो चुकी है। लेकिन यह हर बार बे-नतीजा ही साबित हुई है और ना ही इसका कोई समाधान अभी तक निकल पाया है।
बिल को लेकर किसानों का लगातार धरना प्रदर्शन चल रहा है। और वह सरेआम सरकार का विरोध करते भी नज़र आ रहे हैं। लेकिन इसी बीच उत्तर प्रदेश के 20,000 किसान तीनों कृषि कानून के समर्थन में दिल्लीकूच करने का फैसला कर चुके हैं। और वह जल्द ही दिल्ली में दाखिल भी हो सकते हैं। किसान सेना के गौरी शंकर सिंघ का कहना है कि बृज , मथुरा, हाथरस, फिरोज़ाबाद जैसी तमाम जगहों से किसान बिल के समर्थन में आने वाले है।
किसानों का कहना था कि उन्होंने दिल्ली आने के लिए अधिकारियों से पत्र लिख कर अनुमति मांगी थी। जिसका जवाब उन्हें अभी नहीं मिल पाया है। लेकिन गुरुवार यानी आज किसानों के दिल्ली आने की संभावना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली कूच के समय कृषि कानूनों के समर्थन वाले किसानों का सामना कानून विरोधी किसानों से हो सकता है।
पहले ही किसानों का बॉर्डर पर जमावड़ा होने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब इतनी ज्यादा तादाद में किसानों का दिल्ली में आना दिल्ली वासियों के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर सकता है। फिलहाल तस्वीर तो किसानों के दिल्ली आने के बाद ही साफ होगी।