काव्या बजाज, संवाददाता
नई दिल्ली।। आज किसानों को दिल्ली की चौखट पर डटे हुए पूरे 19 दिन हो चुके है सभी बैठकों का दौर का परिणाम कुछ नहीं निकला , किसान अपनी मांग पर अड़े है। उनकी मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले । लेकिन वो किसान आंदोलन जिसकी शुरुआत MSP के मुद्दे को लेकर की गई थी वो अब किसी ओर दिशा में जाता हुआ दिखाई दे रहा है । दरअसल गुरुवार को टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने दिल्ली दंगों के मास्टरमाइंड ऊमर खालिद , शरजील इमाम और वरावर राओ समेत कई और लोगों की रिहाई की मांग की है।
इंटरनैशनल हयूमन राइटस डे पर ‘भारतीय किसान यूनियन एकता’ ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें किसानों के हाथ में दिल्ली दंगाइयो की तस्वीरों और पोस्टर ने बवाल मचा दिया है । आपको बता दें कि ऊमर खालिद , शरजील इमाम और वरावर राओ JNU के छात्र है जिनको फरवरी में हुए दंगों का मास्टरमाइंड मान कर गिरफ्तार किया गया था ।
ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा है कि आखिर ऊमर खालिद , शरजील इमाम और वरावर राओ कब से किसान बन गए है ऐसे लोगों को तो जेल में ही रहना चाहिए।और कई लोगों का तो ये भी मानना है कि किसान आंदोलन की आड में किसान मुद्दे को कही ओर लेकर जा रहे है ।
भारतीय जनता पार्टी लगातार किसान आंदोलन पर सवाल उठा रही है उनका कहना है कि आंदोलन को हाईजैक कर लिया गया है। इसी के बीच दिल्ली दंगाईयो को समर्थन मिलने की घटना ने देश भर में बम फोड़ दिया है। भाजपा का कहना ये भी है कि किसान आंदोलन में किसानों के अलावा कई और लोग भी जुड चुकें है जिसका इस घटना से अनुमान लगाया जा सकता है।लेकिन इससे किसानों को भी सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि ये बम कभी ना कभी उन पर भी फट सकता है । ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि किसान आंदोलन सच में हाइजैक हो चुका है।