शिवानी मोरवाल, संवाददाता
नई दिल्ली।। 2020 में लोगों को मास्क ने जकड़ लिया था। आम जिंदगी में जिस तरह से खानेपीने, कपड़े पहनने की आवश्यकता होती है, उसी तरह से 2020 में लोगों को मास्क की जरुरत पड़ी। 2020 में जब कोरोना आया तो पता चला कि मास्क और सेनेटाईजर जिंदगी का हिस्सा बन गए। कोरोना से बचने के लिए मास्क और सेनेटाइजर ही एक उपाय था।
लोगों ने पहले शुरु – शुरु में मास्क पहनने का बहुत ध्यान रखा पर जैसे – जैसे ऑनलाक की शुरुआत हुई तो लोगों ने भी मास्क पहनना छोड़ दिया, जिससे कोरोना का कहर फिर से शुरु होने लगा था जिसको देखकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मास्क ना पहनने पर 500 से बढ़ाकर 2000 रूपए का चालान कर दिया जिससे लोगों ने भी इस पर ध्यान देना शुरु कर दिया।
लोगों की माने तो उनका कहना है कि 2020 में तो मास्क ने ही हमारी जान बचाई है पर इसको पहनना भी बहुत मुश्किल रहा है पर अब ऐसा लगता है कि मास्क हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। हम अब इसको चाह कर भी छोड़ नहीं सकते क्योंकि अभी पता नहीं है कि कोरोना वेक्सिन आने के बाद भी थमेगा या फिर ऐसा लगता है कि 2021 में भी हमें मास्क के साथ ही जीना होगा।