संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी
अशोक विहार। अशोक विहार स्थित अग्रवाल वेलफेयर सोसाइटी के चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज़ हो गयी है। कोर्ट के दखल के बाद सोसाइटी के चुनाव 14 फरवरी को करने की घोषणा हो गयी है। हालांकि अभी मौजूदा कार्यकाणी इससे कोर्ट में चुनौती देकर कुछ और समय मांगने की अपील करने की तैयारी कर रही है। प्रधान स्व. पवन गुप्ता के आस्कमिक निधन के बाद समाज की नजरें ऐसे शख्स को तलाश रही है जो समाज और सोसाइटी की मौजूदा हालात को देखते हुए प्रधान पद के लिए उपयुक्त हो।
तमाम चर्चाओं और चिंताओं के बीच अनिल गुप्ता ( घी वाले ) वाले ग्रुप ने अपने तैयारियां शुरू कर दी है। लेकिन इसी बीच उनके छोटे भाई के आस्कमिक निधन ने अग्रवाल समाज को स्तब्ध कर दिया। महज कुछ दिन में सोसाइटी के दो मुख्य टृष्टियों के जाने पर समाज में मायूसी का माहौल है।
इस सबके बावजूद कोर्ट के आदेश की वजह से सोसाइटी में चुनाव की हलचलें भी जारी है। मौजूदा कार्यकारणी को भय है कहीं कोर्ट की अवमाना न हो जाये इसलिए चुनाव प्रक्रिया को कुछ दिन और बढ़ने की अर्जी लेकर जाने की तैयारियां भी हो रही है। अच्छी बात यह है की इतने मदभेदों की बावजूद मनभेद ने बढे इसके प्रयाश भी जारी है। इसी कर्म में सोसाइटी के महासचिव और अनिल गुप्ता के मीटिंग भी हुयी। इसमें कई प्रमुख लोग शामिल हुए। इसके दो दिन बाद ही अनिल गुप्ता के छोटे भाई की निधन से फिर मामला रुक गया है। सोसाइटी के प्रधान पवन गुप्ता के अचानक हुए निधन के बाद मौजूदा कार्यकाणी और समाज के एक बड़े तबके में की जा रही चिंता अब चर्चा में बदल गयी है। चर्चा इस बात की है की सोसाइटी की सियासत में स्व. पवन गुप्ता की जगह कौन लेगा ? कौन है ऐसा शख्स जो ऐसे समय में सोसाइटी की कमान संभाल ले जो न केवल सोसाइटी में चल रहे आर्थिक संकट से उभार सके बल्कि सभी को साथ लेकर सोसाइटी की विकास की गति को तेज़ी दे सके। तमाम चर्चाओं के बीच यह भी मानना जा रहा है की स्व. पवन गुप्ता के जाने के बाद अनिल गुप्ता ( घी वाले ) का गुट मजबूत हुआ है।
खबर है की कोर्ट द्वारा 14 फरवरी को चुनाव करवाने के आदेश के बाद अनिल गुप्ता ने अपने पैनल के कई नाम तय भी कर लिए थे। इनमें दीपक जिंदल , नरेश गर्ग का नाम तय माने जा रहे है। अनिल गुप्ता ग्रुप को भी लग रहा है कि सोसाइटी के प्रधान बनने का उनका सपना पूरा होता दिख रहा है। सोसाइटी की दिशा और दशा तय करने वाले प्रमुख लोग भी मौजूदा हालत में अनिल गुप्ता को बेहद मजबूर मान रहे है। ताज़ा हालत को देखते हुए यह तय है की कोर्ट के आदेश अनुसार 14 फरवरी तक चुनाव करना संभव नहीं है। अब अनिल गुप्ता परिवार को लगे सदमें के बाद किसी भी तरह के अग्रेसिव मूड और मॉड में समाज के लोग नहीं है।
सोसाइटी के समक्ष कितने संकट,कैसे होगा समाधान ?
प्रधान पवन गुप्ता और अनिल गुप्ता के भाई के निधन के बाद अशोक विहार अग्रवाल समाज शोकाकुल है। कोर्ट के आदेश है की चुनाव 14 फरवरी हो ऐसे में कोर्ट के समक्ष ताज़ा हालत और तकनिकी दिक्कतों को भी सामने रखना है ताकि चुनाव एक डेढ़ महीने आगे बढ़ सके। सोसाइटी के समक्ष यह के बड़ा संकट है।
सोसाइटी के समक्ष समाज की सियासी माहौल ही नहीं बल्कि आर्थिक संकट भी है। महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल के रिनोवेशन का काम चल रहा है। प्रधान पवन गुप्ता इस हॉस्पिटल की कायाकल्प कर इसे बेहद भव्य और उपयोगी बनाने में लगे हुए थे। हालांकि उनके विरोधी इसमें धांधलियां देख रहे थे। हॉस्पिटल के निर्माण कार्य पर कुल 11 करोड़ रुपये खर्च होने है। सूत्रों के अनुसार करीब 3 करोड़ रुपये खर्च भी हो चुकें है।
सोसाइटी का खजाना खाली हो चुका है ऐसे में बाकी 8 करोड़ का इंतजाम कौन और कैसे करेगा, यह सवाल प्रमुख ट्रष्टियों के दिल दिमाग में कौंध रहा है।अभी हॉस्पिटल का बहुत काम बाकी है। आने वाली मैनेजमेंट इसे कैसे मैनेज करेगी यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
स्कूल के स्टेडियम का भी काम 80 प्रतिशत ही पूरा हुआ है। इस पर भी संकट आता रहा है। एक शिकायत के बाद नगर निगम का दस्ता इसे तोड़ने पहुंचा था। उस समय प्रधान के साथ स्थानीय विधायक राजेश गुप्ता स्कूल पहुंच गए और पुलिस और निगम प्रशासन से भिड़ कर उसे बचा लिया। जाहिर है आने वाले प्रधान के समक्ष चुनौतियाँ कम नहीं है। सोसाइटी के विकास कार्यों के लिए पैसे का इंतजाम करना , सभी को साथ लेकर तालमेल बैठना आसान नहीं है। ऐसे में सबसे बड़ा संकट ऐसे प्रधान का चयन है जो इन संकटों से समाज और सोसाइटी को उभार सके।