काव्या बजाज, संवाददाता
नई दिल्ली। 26 जनवरी को हुई हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में जम कर उत्पाद मचाया। जिसकी चपेट में लाल किला भी आ गया। लाल किले पर हुई हिंसा में कुछ किसान अपनी जान से हाथ धो बैठे तो वहीं कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। जिनको नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती करवाया गया।
लोगों के साथ – साथ इस हिंसा में उपद्रवियों ने सरकारी संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुँचाया। ट्रैक्टर से लाल किले के गेट पर तोड़ फोड़ करने के बाद यह दिल्ली पुलिस पर इस कदर हावी हुए कि पुलिस भी इन्हें लाल किले के अंदर जाने से नहीं रोक पाई। और उन्हें अपनी जान बचा कर वहां से भागना पड़ा।
लाठी और तरह – तरह के हथियारों से पुलिस पर वार करने के बाद ऐसा उत्पाद मचाया गया जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। मेटल डिटेक्टर से लेकर स्कैनर और स्कैनर से काउंटर सब चीज़े पूरी तरह से तहस नहस कर दी गई।
अनुमान लगाया जा रहा है कि इस पूरी घटना ने लाल किला परिसर को 5 करोड़ रुपए के कर्ज में डुबा दिया है। जिसको देखते हुए गृह मंत्रालय ऐक्शन में आ गया है। और सभी उपद्रवियों पर लुक आउट नोटिस जारी करने की बात कही गई है। इसका मतलब कि आरोपी देश छोड़ कर बाहर नहीं जा सकते।
आपको बता दें कि रैली में किसानों के लिए एक जगह तैय की गई थी। और इस निर्धारित जगह पर ही किसानों को रैली की अनुमति दी गई थी। लेकिन नियमों का उल्लंघन करते हुए किसान दिल्ली की सीमाओं से अंदर आ गए जिसके चलते दंगों ने लाल किले को भारी नुकसान पहुँचाया।