काव्या बजाज, संवाददाता
नई दिल्ली।। लोकसभा में 15 मार्च को एक बिल पास किया गया जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री की जगह पर उप राज्यपाल को ज्यादा अधिकार देने की बात कही गई है। जिसकी वजह से केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों ही आमने सामने आ गए हैं। आपको बता दें कि बिल में ये प्रावधान है कि दिल्ली सरकार किसी भी फैसले को बिना उप राज्यपाल की अनुमति के लागू नहीं कर सकती।
अरविंद केजरीवाल ने बिल पर आपत्ति जताते हुए एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा भाजपा को विधानसभा चुनाव में 8 सीटें मिली जबकि उप चुनाव में वह खाता खोलने में भी कामयाब नहीं हो पाए। और अब वह ये बिल लेकर आ रहे हैं जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है। मोदीसरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राजधानी में सरकार का मतलब सिर्फ LG ही रह जाएगा। तो लोगों द्वारा चुनी गई सरकार क्या करेगी।
मनीष सिसोदिया ने भी इस बिल की निंदा करते हुए कहा है कि सरकार का ये कदम असंवैधानिक है वह सत्ता में ना आ कर भी दिल्ली पर राज करना चाहती है। मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार की तानाशाही के खिलाफ आम आदमी पार्टी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी।
सिर्फ आप ही नहीं कांग्रेस भी इस बिल के विरोध में आ गई है। कांग्रेस ने इसे काला बिल बताते हुए 17 मार्च को जंतर – मंतर पर धरना देने का ऐलान भीकर दिया है।