राजेंद्र स्वामी, दिल्ली दर्पण
नई दिल्ली। सावन पार्क वार्ड के बुनकर कॉलोनी में एक पार्क की पटरी का उद्घाटन करने पहुंची निगम पार्षद मंजू खंडेलवाल दो RWA के दो प्रधानों को पॉलिटिक्स में फस गयी। आज सुबह पार्षद का स्वागत करने मूल चंद और जनेश भड़ाना दोनों ही अपने अपने समर्थकों के साथ गेट पर मौजूद थे। उनके पहुंचते ही जो हंगामा हुआ उसने साफ़ कर दिया की हमारे देश का लोकतंत्र कितने लोकल स्तर तक पहुंच चुका है। मंजू खण्डेवाल ने कुछ सख्ती से तो कुछ समझदारी से काम लिया और जैसे तैसे उद्घाटन किया, दोनो को अपने हाथ से लड्डू खिलाकर उन्हें खुश करने की भी कोशिश की।
कितने ही इलाके ऐसे है जहाँ दो दो नहीं तीन-तीन RWA एक्टिव है। ये RWA इतनी एक्टिव है कि ये जनप्रतिनिधियों की जी का जंजाल भी बन जाती है। उदाहरण के लिए वज़ीर पुर क्षेत्र के सावन पार्क वार्ड को ही ले लीजिये। इस इलाके में पिछले एक दशक से ज्यादा प्रधान अपनी अपनी RWA बनाकर बैठे है।
अब जब निगम चुनाव नजदीक है तो निगम पार्षद भी उद्घाटन कर रहे है। इसी कड़ी में स्थानीय निगम पार्षद मंजू खंडेलवाल पार्क की एक पटरी का उद्घाटन करने पहुंची। पार्षद का स्वागत करने और इस कार्य के श्रेय लेने की होड़ में दोनों प्रधान मूलचंद और जनेश भड़ना पार्षद का स्वागत करने एक साथ आगे बढे। दोनों के बीच हो रही बहस और शक्ति परीक्षण से परेशान मंजू खंडेलवाल ने दोनों को माइक देकर अपनी अपनी बात कहने का भी दिया। लेकिन मूलचंद इससे संतुष्ट नहीं हुए और अपनी ही पार्टी की पार्षद से भिड़ गए।
दोनों तरफ के हंगामे को देख मंजू खंडेलवाल पार्क की पटरी का उद्घाटन करने निकल पडी। जनेश भड़ाना अपने समर्थकों के साथ मंजू खंडेलवाल के साथ चले पड़े जबकि मूल चंद अपने समर्थकों के साथ गेट पर ही रुके रहे। पार्क में पहुंचकर मंजू खंडेलवाल ने मूलचदं को भी बुलाया। मूलचंद अपने समर्थकों के साथ पहुंचे तो जरूर लेकिन मंजू खंडेलवाल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए। यह देख मंजू नाराज हो गयी और बिना उद्घाटन किये ही वापस लौटने लगी। मामला अपने विपरीत होते देख मूलचंद कुछ मुलायम पड़े। योजना थी कि पटरी के उद्घाटन का नारियल दोनों प्रधानों के करकमलों से फुड़वाया जाए, लेकिन मंजू खंडेलवाल ने यह काम खुद ही कर दिया और दोनों को लड्डू खिलावकर इस कड़वाहट को दूर करने की कोशिस की।
मंजू खण्डेलवाल ने साफ़ कर दिया की वे दोनों की राजनीती में नहीं पड़ने वाली। उन्हें बुनकर के लोगों के लिए काम करना है किसी आरडब्ब्लूए अध्यक्ष के लिए नहीं। इस सारे हंगामे में मंजू खंडेलवाल जनेश भड़ाना के व्यव्हार से संतुष्ट दिखी तो मूलचंद से बेहद नाराज। बेशक मंजू खंडेलवाल ने दोनों को लड्डू खिला दिए, लेकिन क्या निकट भविष्य में भी यह कड़वाहट और विवाद कम या खत्म होगा यह देखना अभी बाकी है।