दिल्ली एनसीआर।। किसानों की बेहतरी के लिए लगातार नई-नई कोशिशें की जा रही हैं। इसी क्रम में एफसीआई ने फैसला किया है कि अब से किसानों को होने वाली अदायगी आढ़तियों के ज़रिए नहीं बल्कि सीधे उनके बैंक खातों में होगी। इस फैसले के बाद बल्लभगढ़ में आढ़तियों से पूछताछ की और यह जानने की कोशिश की कि आखिर वह इस फैसले को किस तरीके से देखते हैं।
दिखाई दे रहा है यह नजारा बल्लभगढ़ का जहां हम यह जानने के लिए पहुंचे कि आखिर एफसीआई के फैसले को वह किस तरीके से देखते हैं। आढ़तियों के मुताबिक इस फैसले से किसान को किसी तरह का फायदा नहीं होगा बल्कि नुकसान ही होगा क्योंकि किसान आढ़त में अपनी फसल को लाता है और फिर बेच देता है। इससे पहले पैसे आढ़तिया देता था और अब बैंक देगा। लेकिन किसान को अपनी फसल आढ़त तक पहुंचाने के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है जिसमें आढ़तिया उसकी मदद करता है। आढ़त में उसको साथ की साथ भुगतान मिल जाता है लेकिन सरकार पता नही कब तक पैसे देगी।
आढ़ती के मुताबिक उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि आढ़ती को तो पहले भी कमीशन ही मिलता था और अब भी कमीशन मिल ही जाएगा। उनके मुताबिक किसान की फसल है और किसान का ही पैसा उनके खाते में जाता है तो इससे किसी को क्या परेशानी हो सकती है ।
वहीं एक अन्य आढ़ती के मुताबिक सरकार किसान और आढ़ती के बीच का संबंध खत्म करना चाहती है। उनके मुताबिक किसान और आढ़ती का संबंध बेहद पुराना है और अपनी किसी भी जरूरत के लिए किसान आढ़ती से कभी भी पैसा ले लेता है और फिर फसल बेचने पर उसको चुका देता है। उनके मुताबिक मेरी फसल मेरा ब्योरा दर्ज कराने में काफी सारी दिक्कतें आती हैं पहले किसान मंडी में आता था और अपनी फसल बेचकर चला जाता था लेकिन अब चीजे मुश्किल होती जा रही हैं ।