अविशा मिश्रा, संवाददाता
नई दिल्ली।। एकता और सौहार्द का प्रतीक होली का त्योहार 29 मार्च को मनाया जाएगा। इस साल खास बात यह है कि इस दिन ध्रुव योग भी बन रहा है, जो 499 साल के बाद पड़ रहा है। बता दें कि होली की रंगत एक सप्ताह पहले होलाष्टक से नजर आने लगती है। रंगों की होली फाल्गुन मास की तिथि को मनाई जाएगी यानी 29 मार्च को रंग खेला जाएगा।
होलिका दहन का मुहूर्त
होली में इस बार बताया जा रहा है कि चंद्रमा कन्या राशि में गोचर करेगा। साथ ही मकर राशि में गुरु और शनि विराजमान रहेंगे। शुक्र और सूर्य मीन राशि में रहेंगे। इस बार होली का खास महत्व है। 28 मार्च को होली दहन का मुहूर्त शाम 6:21 बजे से रात 8:41 बजे तक है। शुभ मुहूर्त में गुलाब व बेला की खुशबू युक्त गुलाल अर्पित करना शुभ माना जाता है। वहीं, पूर्णिमा तिथि 28 मार्च को सुबह करीब 03:30 बजे से 29 मार्च की रात करीब 12.15 बजे तक रहेगी।
होली पूजा की विधि
जानकारों का कहने है कि होलिका दहन से पहले होली पूजन की परंपरा है। होली पूजा से पूर्व स्नान आदि करें। होली पूजा के लिए आप अक्षत्, गंध, फूल, कच्चा सूत, एक लोटा जल, माला, रोली, गुड़, गुलाल, रंग, नारियल, गेंहू की बालियां, मूंग आदि का प्रबंध कर लें। इसके बाद पूजा सामग्री लेकर होलिका के स्थान पर जाएं। वहां, पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। फिर गंध, धूप, पुष्प आदि से होलिका की पंचोपचार विधि से पूजा करें। इसके बाद अपने पितरों, परिवार के नाम से बड़गुल्ले की एक-एक माला होलिका को समर्पित करें। इसके बाद 3 या 7 बार परिक्रमा करें। इस दौरान कच्चा सूत होलिका में लपेट दें। अब लोटे का जल तथा अन्य पूजा सामग्री होलिका को समर्पित कर दें। इस प्रकार होली की पूजा पूर्ण हो जाएगी। होली पूजा के बाद बताए गए मुहूर्त में परिजनों के साथ सार्वजनिक स्थान पर बनी होलिका के पास एकत्र हो जाएं। अब कपूर या उप्पलों की मदद से होलिका में आग प्रज्जवलित कर दें।