मनोज सूर्यवंशी, संवाददाता
दिल्ली एनसीआर। देश कोरोना महामारी से पिछले 1 साल से लड़ाई लड़ रहा है लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने देश में चारों ओर कोहराम मचा दिया है चारों ओर सरकारी हो या निजी अस्पतालों मैं ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है। जिसके चलते मरीजों के परिजन अपनों की जान बचाने के लिए खुद ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर इधर-उधर ऑक्सीजन लेने के लिए दौड़ रहे हैं लेकिन घंटों की कड़ी मशक्कत और लाइन में लगने के बाद उन्हें ऑक्सीजन मिल रही है। ऐसा ही एक मामला दिल्ली से सटे फरीदाबाद में देखने को मिला जहां एक बेटी अपनी मां की जान बचाने के लिए पिछले 48 घंटों तक लाइन में लगी रही लेकिन उसे ऑक्सीजन का सिलेंडर नहीं मिला।
उसने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट वाले यहां आने वाले सभी की पूरी मदद कर रहे हैं लेकिन निजी पवन अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल में 1 दिन का बेड चार्ज 40 / 40 हजार पर लिया जा रहा है लेकिन अस्पताल में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन गैस मुहैया नहीं कराई जा रही यह पवन अस्पताल की बड़ी लापरवाही है इसलिए वह अब अपने मां को किसी दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करना चाहती है उसने बताया कि वह 48 घंटों में मात्र 1 घंटे ही सो पाई है।
तस्वीरें फरीदाबाद के सेक्टर 25 स्थित ऑक्सीजन गैस प्लांट की है जहां पर अपनों की जान बचाने के लिए आए लोग ऑक्सीजन गैस लेने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं । बता दें कि यहां आने वाले लोग पिछले तीन-तीन दिनों से लाइनों में खड़े हैं लेकिन पर्ची कटवाने के बाद भी उनका नंबर नहीं आ रहा क्योंकि फरीदाबाद में ऑक्सीजन की भारी मात्रा में कमी हो गई निजी अस्पताल तो क्या होम आइसोलेट कोविड-19 ग्रस्त मरीजों को ऑक्सीजन के सहारे ही जिंदा रखा जा रहा है क्योंकि अभी कोरोना कि पुख्ता दवाई नहीं बन पाई है और ऑक्सीजन के सहारे अपनों की जान बचाई जा सके इसलिए मरीजों के परिवार वाले खुद ही ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर उन्हें भरवाने के लिए इधर उधर धक्के खा रहे हैं ।