अविशा मिश्रा, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना का तांडव लगातार जारी है वहीं तेजी से फैलते संक्रमण की दूसरी लहर के बीच करीब 25% मामले ऐसे आ रहे हैं जिन्हें कोविड संक्रमण तो है, लेकिन उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। ऐसे में लोगों में असमंजस की स्थिति होना स्वाभाविक है।
दिल्ली में कोरोना का संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है इसी बीच एक और चिंताजनक बात सामने आई है। आपको बता दें कि देशभर में 25% मामले ऐसे आ रहे हैं जिनमें कोरोना जांच की रिपोर्ट गलत मिल रही है। निगेटिव रिपोर्ट के बाद भी मरीज तकलीफ होने पर जब सीटी स्कैन करवाते हैं तो पता चलता है कि फेफड़ों में इंफेक्शन है। इसके बाद कोविड का इलाज शुरू होता है। दरअसल, निगेटिव रिपोर्ट वाले लोग क्वारेंटाइन भी नहीं होते हैं, जिससे कई लोग इनके संपर्क में आते हैं और संक्रमित हो जाते हैं। इसी वजह से कोरोना चेन ब्रेक नहीं हो पा रही है। नेशनल कोविड टास्क फोर्स के वैज्ञानिक भी मानते हैं कि आरटी-पीसीआर की प्रमाणिकता 60 से 70% है। यानी 30 से 40% मामलों में गलत रिपोर्ट संभावित है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, ये 30% लोग अनजाने में हजारों लोगों को संक्रमित करते हैं। मौजूदा मामलों को देखें तो विशेषज्ञों की राय है कि संक्रमित होने के सातवें दिन जांच करवाएं तो रिपोर्ट सही आने की ज्यादा संभावना रहेगी। अगर एक दिन में डेढ़ लाख पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं तो इनमें ऐसे एक तिहाई यानी लगभग 50 हजार वो लोग शामिल नहीं हैं जिनमें लक्षण तो कोविड के हैं, लेकिन जांच रिपोर्ट निगेटिव है।