जूही तोमर, संवाददाता
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली से दिल झकझोर कर देने वाला मामला सामने आया है। जहाँ डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा है। कहीं और ले जाओ’ यह कहकर दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों ने लौटाया और ढाई साल का घायल मासूम 8 घंटे तक एंबुलेंस के चक्कर लगाता रहा। आखिर में मौत जीत गई।
परिवार का आरोप है कि एम्स ट्रॉमा सेंटर, RML और LNJP में बच्चे को इलाज मिलता तो वह जिंदा होता। झकझोर देने वाली यह घटना ढाई साल के कृष्णा की है। वह माता-पिता और तीन बहनों के साथ मजनू का टीला इलाके में तीसरी मंजिल पर रहता था। शुक्रवार दोपहर को अचानक वह तीसरी मंजिल से नीचे सड़क पर जा गिरा। पिता भूपेश मंडल उसे सुश्रुत (sushrut) ट्रॉमा सेंटर ले गए। शुरुआती इलाज में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें सुश्रुत sushrut) की एंबुलेंस से एम्स ट्रॉमा सेंटर भेजा गया। आरोप है कि एंबुलेंस में वेंटिलेटर नहीं था। एम्स ट्रॉमा में भी वे डेढ़ घंटे तक भटकते रहे। आखिर में उन्हें लौटा दिया गया। शाम 6 बजे RML पहुंचे तो वहां भी किसी डॉक्टर ने बच्चे को देखा तक नहीं। LNJP एलएनजेपी में भी यही हाल था।
तकरीबन 9 बजे एंबुलेंस में ऑक्सिजन खत्म हुई तो लौटकर सुश्रुत sushrut) ट्रॉमा आए और बच्चे को वेंटिलेटर पर रख दिया। रात 9:30 बजे बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। परिवार का कहना है कि जब सुश्रुत sushrut) अस्पताल में वेंटिलेटर था तो उन्हें दूसरे अस्पतालों में क्यों चक्कर लगवाते रहे। परिवार को शक है कि बच्चा एंबुलेंस में ही दम तोड़ चुका था।