तेजस्विनी पटेल,संवाददाता
नई दिल्ली। कोवीड- 19 के कारण खोने वाले परिवारों के सदस्यों और महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई और परवरिश का खर्च उठाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरवींद केजरीवाल ने जिम्मा लिया। केजरीवाल ने एक आनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा की कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई अभी खत्म नही हुई है और किसी भी तरह की ढिलाई बरतने की गुंजाइश नही है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा की मैं जानता हूं की कई बच्चों ने इस महामारी की वजह से अपने माता- पिता को खो दिया है। मैं उन्हे बताना चाहता हूं कि मैं उनके लिए उपलब्ध हूं। अपने आप को अनाथ न माने। सरकार उनकी पढ़ाई और अन्य खर्च उठाएगी।
आरवींद केजरीवाल ने आगे कहा की कई बुजुर्गों ने अपने जवान बेटे खो दिए है। वे उनकी कमाई पर आश्रित थे। केजरीवाल ने कहा की अभी उनका बेटा जिंदा है, सरकार एसे सभी परीवारों की मदद करेगी जिन्होंने अपना कमाने वाला सदस्य खो दिया है। केजरीवाल ने कहा, इतने मायूसी के माहौल में, मैं आपको एक सुखद खबर देना चाहता हूं। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में साढ़े आठ हजार कोरोना के मामले आए हैं। 24 घंटे में संक्रमण दर 12% रह गई है। दिल्ली में अब काफी कम लोग बीमार पड़ रहे हैं। मरीज कम होने के साथ अस्पतालों में बेड भी खाली हो रहे हैं।पिछले कई दिनों से दिल्ली में बहुत ज्यादा केस आ रहे थे। 30 अप्रैल को तो 28 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए थे। लेकिन अब दिल्ली में काफी कम लोग बीमार पड़ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली के अस्पतालों से 3000 मरीज कम हो गए हैं। यानी 3000 बेड खाली हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि ये बात देखने में आई है कि आईसीयू के बेड अब भी भरे हुए हैं। इसका मतलब है कि गंभीर मरीजों की संख्या अभी कम नहीं हुई है। हम इस दिशा में भी काम कर कर रहे हैं। लगभग 1200 आईसीयू बेड बनकर तैयार हो गए हैं जो आज-कल में चालू हो जाएंगे।