नेहा राठौर
दिल्ली स्थित बवाना इंडस्ट्रियल एरिया के लिए खुशखबरी है। केंद्र सरकार के MSME और दिल्ली सरकार DSIDC विभाग ने संयुक्त रूप से बवाना को 6 से 8 कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनाने का प्रस्ताव दिया है। ऐसे में चेंबर के ऑफिस में प्रिंटिंग पैकेजिंग इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों ने मीटिंग कर इसकी उपयोगिता का जाना और इस ऑफर को बेहद उपयोगी बताया।
इसमें अलग-अलग कैटेगरी के कारोबार के लिए 2500 स्केयरमीटर प्लाट पर प्रस्तावित CFC सेंटर में सभी सुविधाएं एक छत पर उपलब्ध कराई जाएंगी। जिसका संचालन एक कम्पनी द्वारा किया जाएगा, जिसके मालिक भी कारोबारी ही होगें। इस पर बवाना चैंबर ऑफ इंडस्ट्री के मीटिंग रूम में अलग-अलग कैटेगरी के कारोबारियों से मीटिंग की जा रही है। जहां DSIIDC और MSME के अधिकारियों की मौजूदगी में प्रिंटिंग और पैकेजिंग से जुड़े कारोबारियों ने भी जाना और इस ऑफर को उपयोगी बताया।
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मीटिंग में चैंबर के चेयरमैन प्रकाश चंद जैन ने इस प्रस्ताव के बारे में जानकारी देते हुए अपील की कि इस मौके का तुरंत लाभ उठाना चाहिए। वहीं DSIIDC और MSME के अधिकारियों ने कारोबारियों को इस सेंटर के संचालन और उपयोगिता से जुड़ी जानकारी दी और सभी की शंकाओं और सवालों के जवाब भी दिए।
इस CFC की लागत करीब 50 करोड़ रुपये होगी। जिसमें कारोबारियों का हिस्सा सिर्फ 10 प्रतिशत होगा। प्रस्ताव में CFC के लाभों को वर्णित किया गया है, जो कुछ इस प्रकार हैं जैसे-
· CFC में कारोबार के प्रोडक्ट की क्वालिटी टेस्ट के लिए लैब बनाया जाएगा।
· कारोबारी के लाभ के लिए डिस्प्ले विंडोज यानी शोरूम का प्रावधान किया जाएगा।
· लेबर/स्टाफ को टेक्निकल ट्रेनिंग दी जाएगी।
· डाई मेकिंग की ऑटोमेटिक वर्ल्ड क्लास/सीएनसी मशीनें लगाई जाएंगी।
· प्रोडक्ट के लिए कच्चा माल खरीदने व बेचने के लिए विकल्प दिए जाएंगे।
· ट्रांसपोर्टेशन के लिए एक स्टेशन होगा, जहां से आसानी से गाड़ी बुक की जा सकेगी।
· इतना ही नहीं सेलर/पर्चेजर के लिए मीटिंग रूम व ट्रेड के लिए सदस्यों की बड़ी मीटिंग की व्यवस्था की जाएगी।
· कारोबारी खुद इस CFC को 30 साल तक अपनी सुविधानुसार मैनेज कर सकेंगे।
इस मीटिंग के बाद प्रिंटिंग और पैकेजिंग इंडस्ट्री से जुड़े एक प्रमुख कारोबारी महावीर मित्तल ने इस प्रस्ताव की उपयोगिता और प्रस्ताव को लेकर बताया कि यह एक अच्छी स्कीम है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात जिस रिस्क को हम अंडरटेक नहीं कर सकते, उस रिस्क को सरकार के पैसे से और उनकी सुविधाओं की मदद से हम कर सकते हैं। इसमें करीब 20 करोड़ तक की सब्सीडी दी जाएगी, जिसमें से 18 करोड़ सरकार देगी और 2 करोड़ हमें जमा करने हैं। इस प्रस्ताव के तहत इसमें करीब 20 मेंबर होंगे, जिसमें हर एक कारोबारी का शेयर 25 लाख होगा। इसके बाद एक कंपनी बनाई जाएगी जिसका नाम स्पेशल पर्पज व्हीकल रखा गया है। जिसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर चुने जाएंगे, जिनकी मदद से एक अच्छी प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर, कंपनी को आगे ले जाया जाएगा।
वहीं, उन्होंने दिल्ली सरकार को लेकर कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली में सिर्फ IT को जगह देना चाहती है। सिधे तौर पर कहा जाए तो वो छोटे कारोबारियों को चोर की नजर से देखती है। ऐसे में केंद्र की तरफ से दी गई यह स्कीम कोरोबारियों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी।
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