नेहा राठौर
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार को तीन दशक पहले स्थापित हुआ राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल कर मेजर ध्यान खेल रत्न पुरस्कार कर दिया है। पीएम के इस फैसले का स्वागत देश ने खुले दिल से किया है।
हॉकी के जादूगर के नाम से प्रख्यात और भारत को हॉकी में 1928, 1932 और 1936 में तीन ओलंपिक मेडल्स दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले मेजर ध्यानचंद की मौत 3 दिसंबर, 1079 को लीवर के कैंसर के कारण दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुई थी। बता दें कि उनका जन्म 29 अगस्त 1905 को हुआ था, ये वही दिन है जिसे आज लोग राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाता है।
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राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत
सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्नी पुरस्कार की शुरुआत 1991-1992 में की थी। इस पुरस्कार को भारतीय खेलों का सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है। इस पुरस्कार को जीतने वाले खिलाड़ी को एक प्रशस्ति पत्र, एक अवॉर्ड और 25 लाख रुपए की राशि दी जाती है। देश में यह पुरस्कार सबसे पहले भारतीय ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया गया था। तब से अब तक यह पुरस्करा करीब 45 लोगों को दिया जा चुका है। हाल ही में यह पुरस्कार क्रिकेटर रोहित शर्मा, पैरालंपियन हाई जम्पर मरियप्पन थंगवेलु, टेबल टेनिस प्लेयर मनिका बत्रा और रेसलर विनेश फोगाट को दिया गया था।
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