नेहा राठौर
काफी समय से विवाद में चल रहे पेगासस जासूसी मामले की जांच अब एक कमेटी द्वारा की जाएगी। इसकी जानकारी खुद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी है। केंद्र सरकार ने पेगासस से जासूसी के आरोपों को सिरे से नकाराते हुए कमेटी का ऐलान किया है। फिलहाल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दो पेज का एफिडेविट दाखिल किया है, जिसके मुताबिक सरकार विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन करेगी, जो इस मामले की जांच करेगी।
बता दें कि आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले की सुनवाई हुई थी। जहां केंद्र सरकार ने इस मामले से जुड़े सभी आरोपों को नकार दिया। उसके बाद केंद्र ने कोर्ट में दो पेज का एफिडेविट दायर किया। केंद्र ने अपनी सफाई में कहा कि उनकी तरफ से किसी प्रकार की कोई जासूसी या अवैध निगरानी नहीं की गई है।
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कोर्ट में दायर हलफनामें में सरकार ने वरिष्ठ पत्रकार एन राम और अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए सारे इल्जामों को सिरे से नकार दिया हैं। उनकी याचिका में सरकार पर आरोप लगाए गए थे कि सरकार ने इस सोफ्टवेयर का इस्तेमाल पत्रकारों, राजनेताओं, एक्टिविस्ट, नौकरशाहों और न्यायपालिका से जुड़े लोगों की जासूसी करने के लिए किया है।
इस मामले में इससे पहले 10 अगस्त को सुनवाई हुई थी। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वतंत्र जांच का अनुराध करने वाले कुछ याचिकार्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर समानांतर कार्यवाही और बहस पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि आप सबको अनुशासन और न्याय प्रणाली में विश्वास होना चाहिए।
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